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भाजपा-शिवसेना के निशाने पर शरद पवार, गडकरी और उद्धव ने जमकर ली चुटकी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव के प्रचार में भाजपा शिवसेना के निशाने पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार रहेंगे। कार्यकर्ताओं में मनोमिलन के लिए शुक्रवार को देशपांडे सभागृह में आयोजित पूर्व विदर्भ विभागीय सम्मेलन में यही संकेत सामने आए। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार की जमकर चुटकी ली। यहां तक कह दिया कि पवार को किसी भी स्थिति में साथ न आने दें।
मोदी से बोलो,पवार को साथ मत लेना-ठाकरे
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुटकी लेते हुए गडकरी से कहा कि आजकल हर कोई हमारे साथ आ रहा हैं। आप मोदीजी से कह दो कि शरद पवार को साथ में मत ले लेना। उन्होंने कहा भाजपा शिवसेना ने अब तक मतदाताओं को जीतने का काम किया अब मनुष्य को जीत रहे हैं। विपक्ष के नेता व कार्यकर्ता हमारे साथ आ रहे हैं। शिवसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में एक खिलाड़ी प्रधानमंत्री बना। लेकिन हमारे यहां तो प्रधानमंत्री बनने का सपना देखनेवाला व्यक्ति क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष बनकर रह गया। पवार का नाम लिए बगैर कहा कि प्रधानमंत्री बनने की कुवत है भी या नहीं पहले यह तय कर लें।
विपक्ष में तो कैप्टन नान प्लेयिंग हो रहे हैं-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार का नाम लिए बिना कहा कि विपक्ष के कैप्टन तो नान प्लेयिंग हो रहे है। चुनाव लड़ने से पीछे हट रहे हैं। जो विपक्ष में दो दल हाथ मिला रहे हैं उनमें आपसी संघर्ष चल रहा है। वे दल विचारों के लिए साथ नहीं आए हैं। ममता बैनर्जी के साथ एक मंच पर जो आए थे उनमें से कुछ अलग होने लगे हैं। बसपा , सपा के साथ कांग्रेस की कसमसाहट चल रही है। दिल्ली में विपक्ष का सहयोगी दल कांग्रेस से पूछ रहा है -हम आपके हैं कौन। गौरतलब है कि शरद पवार ने चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया है। उनका कहना है कि एक ही परिवार के लोगों को कितनी बार मौका दे यह भी तय होना चाहिए। नए को मौका मिलना चाहिए।
पवार को लगता है जीत नहीं पाएंगे,इसलिए पीछे हट गए-गडकरी
भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि शरद पवार को लगने लगा है कि वे चुनाव नहीं जीत पाएंगे। पवार काफी होशियार हैं। दूर की सोचते हैं। हार की संभावना को देखते हुए उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। गडकरी ने यह भी कहा कि जो लोग विकास के मुद्दे पर चर्चा करने की स्थिति में नहीं है वे जातिवाद की राजनीति का आरोप लगाते हैं। कांग्रेस की पूंजी है-जाति के नाम पर भय की राजनीति करना। भाजपा को जानबूझकर दलित, अल्पसंख्यक व आदिवासी विरोधी कहा जा रहा है। उम्र भर जाति की राजनीति करनेवाले अब फुले-आंबेडकर के नाम पर भाजपा को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।
Created On :   15 March 2019 8:11 PM IST