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शेरदिल मां.... अपने बेटे को बचाने भालू से किया संघर्ष

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/परासिया। कहते हैं कि दुनिया की हर मां का दिल कोमल होता है, लेकिन उसके बच्चे पर अगर मुसीबत आ जाए तब वही मां शेरदिल बन जाती है। फिर सामने मौत की क्यों न खड़ी हो, वह उससे भी भिड़ जाती है। अपने बच्चे को बचाने के लिए एक निहत्थी मां भालू से भिड़ गई और अपने जिगर के टुकड़े को सुरक्षित लेकर आई। यह घटना है तामिया ब्लाक के सतपुड़ा बफर जोन के अंतर्गत आने वाली पंचायत खापाखुर्द के गांव चटनी की।
लगभग एक माह पहले कलाबाई पति स्व. राजकुमार भारती और उसका 6 वर्षीय बेटा वीरेन्द्र भारती सुबह महुआ बीनने जंगल की ओर गए थे। वीरेंद्र अपनी मां के पीछे चल रहा था। तभी वीरेंद्र पर अचानक पीछे से आए जंगली भालू ने हमला कर दिया। बच्चे की चीख सुनकर कलावती पलटी और भालू से भिड़ गई। इसी दौरान कलावती ने पास पड़ी एक लकड़ी उठाकर भालू पर फिर हमला किया। कुछ देर के संघर्ष के बाद भालू जंगल की ओर भाग गया। भालू के हमले से वीरेन्द्र की पीठ पर चोंटें आईं। कलावती की पुकार सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने वीरेंद्र को अस्पताल पहुंचाया।
पांच वर्ष से मां- पिता की दोहरी जिम्मेदारी निभा रही है कलावती:
कलावती के पति राजकुमार भारती की 5 वर्ष पहले मृत्यु होने पर वह अपने दो बच्चों की मां और पिता की दोहरी जिम्मेदारी निभा रही है। वह कृषि मजदूरी कर और वन उपज एकत्रित कर जीवन यापन कर रही है। कलावती का बड़ा बेटा विनोद 8 साल और छोटा बेटा वीरेन्द्र 6 साल का है। बफर जोन के गांव खाली करवाने की कार्रवाई के बीच कलावती को अपने लिए नया आशियाना तलाशना चुनौती बना हुआ है, लेकिन वो अपने दोनों बच्चों के पालन पोषण और सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ रही है
Created On :   8 May 2022 9:10 PM IST