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फसल बीमा को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी शिवसेना, वडेट्टीवार बोले- सीएम बंगले वर्षा पर निकालें मोर्चा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सत्ताधारी शिवसेना के मंत्रियों को अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरना पड़ा है। बुधवार को शिवसेना की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को नहीं मिलने के खिलाफ बीमा कंपनी के खिलाफ मोर्चा निकाला गया। बीकेसी स्थित भारती एक्सा जनरल इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय पर यह मोर्चा निकाला गया। इस मोर्चे में शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, पर्यावरण मंत्री रामदास कदम और स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे समेत अन्य मंत्री शामिल हुए। उद्धव ने राज्य की सभी निजी बीमा कंपनियों को किसानों के बीमा से जुड़े प्रलंबित प्रकरणों का 15 दिनों में निपटारा करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियां हमें आक्रामक होने पर मजबूर न करे। उद्धव ने प्रदेश सरकार की कर्ज माफी योजना का लाभ देने वाले किसानों के नाम की सूची बैंकों को अपने द्वार पर लगाने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। उद्धव ने शिवसेना के मोर्चे को नौटंकी बताने वाले कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोर्चे की आलोचना करने वाले नालायक हैं। विपक्षी दल बताएं कि वे किसानों के साथ में खड़े हैं या फिर किसानों पर अन्याय करने वालों के साथ में हैं।
पाटील ने कहा- शिवसेना का मोर्चा सरकार के खिलाफ नहीं -पाटील
शिवसेना की ओर से फसल बीमा योजना को लेकर मोर्चे निकालने पर भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष व राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि सरकार के खिलाफ मोर्चा नहीं था। शिवसेना ने बीमा कंपनी के खिलाफ मोर्चा निकाला है। हमारी पार्टी भी मोर्चा निकालती रहती है। इसके अलावा पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नए 5 कार्याध्यक्षों में से कोई भाजपा में शामिल हो जाता है तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पाटील ने कांग्रेस मुक्त महाराष्ट्र का नारा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से कई नेता भाजपा में शामिल होना चाहते हैं हम उनका स्वागत करेंगे। बुधवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में पाटील ने प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। इस मौके पर मुंबई भाजपा के नए अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा समेत भाजपा के मंत्री व विधायक मौजूद थे। पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन होगा। सीटों के बंटवारे का फैसला भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे मिलकर करेंगे। पाटील ने कहा कि विधानसभा चुनाव बाद मुख्यमंत्री कौन और किस दल का होगा। यह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह तय करेंगे। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष ही अगला मुख्यमंत्री हो। पाटील ने कहा कि भाजपा और शिवसेना के गठबंधन में जिन सीटों पर सहयोगी दल के उम्मीदवार उतरेंगे उस पर भी जीत हासिल करनी है। इसलिए सभी 288 सीटों पर तैयारी करनी है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में राज्य की 227 विधानसभा सीटों पर भाजपा-शिवसेना युती को बढ़त मिली है। यदि इसी तरह की मेहनत विधानसभा चुनाव में करेंगे तो सीटें और बढ़ेगी। कम होने का तो सवाल ही नहीं उठता है।
मुख्यमंत्री के बंगले वर्षा पर मोर्चा निकाले शिवसेना - वडेट्टीवार
दूसरी ओर शिवसेना के मोर्चे को लेकर विपक्षी दलों ने शिवसेना की आलोचना की। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि शिवसेना में यदि हिम्मत है तो वो मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले वर्षा पर मोर्चा निकाले। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोरात ने कहा कि शिवसेना का मोर्चा मतलब नाटक है। शिवसेना सरकार में है ऐसे में पार्टी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि शिवसेना बीमा कंपनियों के खिलाफ मोर्चा निकालकर किसानों को भ्रमित कर रही है।
पुणे में भी शिवसेना का मोर्चा
उधर पुणे में शिवसेना ने मोर्चा निकाला, जहां सैंकड़ों की तादाद में शिवसैनिक मौजूद थे। एक ओर राज्य पर सूखे का संकट छाया है, वहीं दूसरी ओर बीमा कंपनियां किसानों को फसल बीमा की राशि देने से इनकार कर रही है। इसके खिलाफ शिवसेना ने दोपहर 12 बजे येरवड़ा डाक कार्यालय से कॉमरजोन आईटी पार्क तक मोर्चा निकाला। जिसमें मावल के सांसद श्रीरंग बारणे, पूर्व सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटील भी मौजूद थे। ट्रैक्टर में किसान की खुदकुशी का प्रतिकात्मक पुतला भी रखा गया था। मोर्चाे को पुलिस ने रोका। पुलिस और शिवसैनिकों में बहस हुई। इसके बाद आईटी पार्क का दरवाजा खोला गया। जहां सांसद बारणे, पूर्व सांसद पाटील के साथ शिष्टमंडल भीतर गया और अधिकारियों से मुलाकात की।
शिवसेना के मोर्चे में पक्ष प्रमुख ने कहा हमें आक्रामक होने पर मजबूर न करे
उद्धव ने कहा कि देश में बड़े-बड़े उद्योगपति चूना लकाकर चले गए। उद्योगपति विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे लोगों ने देश छोड़ दिया। ये उद्योगपति देश छोड़कर जा रहे हैं जबकि किसान देह (आत्महत्या) छोड़ रहे हैं। उद्धव ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है इसको प्रधानमंत्री बीमा कंपनी बचाओ योजना नहीं होने दिया जाएगा। वहीं शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा कि निजी बीमा कंपनियों को 22 हजार करोड़ रुपए का प्रीमियम भरा गया लेकिन किसानों को 12 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। 10 हजार करोड़ से अधिक का लाभ बीमा कंपनियों ने ले लिया। मोर्चे में शामिल होने को लेकर मंत्री शिंदे ने कहा कि हम सरकार में भले हैं लेकिन किसानों के साथ जहां पर भी अन्याय होगा हम उनके साथ खड़े रहेंगे। शिंदे ने कहा कि किसानों के हित में मोर्चा निकालना विपक्ष का काम है लेकिन विपक्ष अपनी जिम्मेदारी को समझ ही नहीं पाया है।
उद्धव ने बीमा कंपनियों को दी 15 दिनों की चेतावनी
उद्धव ने कहा कि मैं सभी बीमा कंपनियों को 15 दिनों का समय दे रहा हूं। बीमा कंपनियां किसानों के सभी प्रलंबित प्रकरणों का निपटारा कर लें। यदि बीमा कंपनियों ने किसानों को न्याय नहीं दिया तो पार्टी किसानों को न्याय दिलाए बगैर नहीं रहेगी। उद्धव ने कहा कि मैं राज्य के बैंकों को भी 15 दिनों की चेतावनी देता हूं। बैंकों ने जिन किसानों का कर्ज माफ किया है उन किसानों के नाम की सूची अपने शाखा के प्रवेश द्वार पर लगाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुझसे कहते हैं कि किसानों की कर्ज माफी की राशि बैंकों को दे दी गई है। यदि सरकार ने कर्ज माफी का पैसा दे दिया है तो बैंकों को बताना चाहिए कि वो पैसे कहां पर हैं। हमें हिसाब चाहिए। उद्धव ने कहा कि प्रदेश में सरकार किसी भी पार्टी की हो लेकिन किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। इसलिए लाखों किसानों ने आत्महत्या की है। इसकी जिम्मेदारी किसी को तो लेनी पड़ेगी।
Created On :   17 July 2019 3:46 PM GMT