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ग्रामीण में शिवसेना कांग्रेस से खफा, तुमाने बोले- शिंदे को बनाएं संपर्क मंत्री
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में सरकारी समितियों में साझेदारी के विषय को लेकर ग्रामीण शिवसेना ने कांग्रेस के विरोध में मोर्चा खोला है। रामटेक के सांसद कृपाल तुमाने के नेतृत्व में हुई बैठक में कहा गया है कि जिले में कांग्रेस गठबंधन धर्म नहीं निभा रही है। शिवसेना कार्यकर्ताओं को समितियों में स्थान नहीं मिल रहा है। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की जाएगी। सांसद तुमाने ने तो जिले में संगठन की स्थिति पर चिंता जताते हुए एकनाथ शिंदे को संपर्क मंत्री बनाने की मांग कर दी है।
शिवसेना कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं
जिला नियोजन समिति व संजय गांधी निराधार योजना समिति में महाविकास आघाड़ी के तय फार्मूले के तहत शिवसेना को साझेदारी नहीं मिल पाने पर दु:ख जताया गया है। शनिवार को रविभवन में ग्रामीण शिवसेना की बैठक हुई। सांसद कृपाल तुमाने, विधायक आशीष देशमुख, जिला प्रमुख राजू हरणे, नासुप्र विश्वस्तर संदीप इटकेलवार, संपर्क प्रमुख सुधीर सूर्यवंशी उपस्थित थे। ग्रामीण शिवसेना की ओर से जारी खबर के अनुसार, बैठक में संगठन स्थिति पर चिंता जताई गई। कार्यकर्ताओं ने कहा है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बाद भी जिले में संगठन को मजबूत करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। जिला परिषद के उपचुनाव में शिवसेना का कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं पाया। नगरपरिषद व नगर पंचायतों के चुनाव में भी िशवसेना की सफलता तय नहीं है। संजय गांधी निराधार योजना समिति में किसी भी तहसील से शिवसेना का सदस्य नहीं है। डीपीसी में केवल दो निमंत्रित सदस्य हैं। डीपीसी की निधि कम दी जा रही है।
नाराजगी का असली कारण कुछ और
जिला शिवसेना में चल रही चर्चाओं के अनुसार, ग्रामीण शिवसेना की नाराजगी का कारण कुछ और है। इसे शहर व ग्रामीण शिवसेना के कुछ नेताओं के बीच शह-मात के खेल का परिणाम भी माना जा सकता है। फिलहाल जिला नियोजन समिति में शहर शिवसेना के दो कार्यकर्ता बृजभूषण तिवारी व श्रीकांत कैकाडे को स्थान मिला है। तुमाने समर्थक शिवसेना कार्यकर्ता खुलकर कहने लगते हैं कि डीपीसी अर्थात जिला नियोजन समिति का संबंध ग्रामीण क्षेत्र विकास से है, फिर शहर के कार्यकर्ताओं को उसमें क्यों स्थान दिया गया। यह भी कहा जाने लगता है कि शिवसेना के महानगर संपर्क प्रमुख दुष्यंत चतुर्वेदी के पिता सतीश चतुर्वेदी व पालकमंत्री नितीन राऊत राजनीतिक मित्र हैं। लिहाजा, राऊत ने शिवसेना के चतुर्वेदी समर्थक कार्यकर्ताओं को डीपीसी में स्थान दिलाया। शिवसेना ने डीपीसी सदस्य के लिए तुमाने, हरणे के अलावा दिलीप माथनकर व देवेंद्र गोडबोले का नाम दिया था। इनमें दो नामों को एेन वक्त पर अलग किया।
कुछ नेता असंतोष भड़का रहे हैं
उधर, दुष्यंत चतुर्वेदी के समर्थक कार्यकर्ता कह रहे हैं कि ग्रामीण के कुछ नेता बिना कारण कार्यकर्ताओं में असंतोष की भावना को भड़का रहे हैं। नागपुर सुधार प्रन्यास का सीधा संबंध नागपुर शहर सौंदर्यीकरण से है। तुमाने ने अपने समर्थक व जिला ग्रामीण के शिवसेना प्रमुख संदीप इटकेलवार को नासुप्र का विश्वस्त नियुक्त कराया था। तब शहर के पदाधिकारियों ने कोई शिकायत तक नहीं की थी।
कांग्रेस से न अपेक्षा थी और न है
डीपीसी में प्रतिनिधित्व को लेकर शिवसेना के असंतोष के प्रश्न पर महानगर संपर्क प्रमुख दुष्यंत चतुर्वेदी ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि महाविकास आघाड़ी में प्रदेश स्तर पर समन्वय समिति है। स्थानीय स्तर पर निर्णय का अधिकार स्थानीय नेताओं को दिया गया है। फिलहाल शहर में शिवसेना मनपा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी है। कांग्रेस से कोई अपेक्षा न थी, न है। डीपीसी को लेकर शहर से कोई शिकायत नहीं मिली है। कार्यकर्ताओं की कोई शिकायत मिलेगी तो उससे वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया जाएगा। तुमाने ने कहा है कि कार्यकर्ताओं ने बैठक में अपना मत रखा है। पालकमंत्री को लेकर कार्यकर्ताओं की शिकायत है। इन विषय की जानकारी वरिष्ठ स्तर पर दी जाएगी।
Created On :   24 Oct 2021 3:05 PM IST