सामना के जरिए शिवसेना ने कांग्रेस और राहुल के नेतृत्व पर उठाए सवाल, नसीम का पलटवार

Shiv Sena questions on Congress and Rahuls leadership through Saamna
सामना के जरिए शिवसेना ने कांग्रेस और राहुल के नेतृत्व पर उठाए सवाल, नसीम का पलटवार
सामना के जरिए शिवसेना ने कांग्रेस और राहुल के नेतृत्व पर उठाए सवाल, नसीम का पलटवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के मुखपत्र सामना के जरिए कांग्रेस पार्टी और यूपीए पर निशाना साधा गया है। संपादकीय के जरिए राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए परोक्ष रूप से यूपीए का नेतृत्व शरद पवार को सौंपने की वकालत की गई है। किसान आंदोलन  को लेकर विपक्षी दलों के एकजुट न होने को लेकर भी सामना के जरिए आलोचना की गई है। सामना में लिखा गया है कि यूपीए की हालत एनजीओ जैसी हो गई है।

संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि किसान आंदोलन के 30 दिन बीत जाने के बाद भी सीमा पर आंदोलन  कर रहे किसानों को लेकर सरकार बेफिक्र है क्योंकि विपक्ष कमजोर है। विपक्ष की हालत बंजर गांव के मुखिया का पद संभालने जैसा है। दिल्ली सीमा पर बैठे किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। सामना में लिखा गया है कि कांग्रेस के नेतृत्व में एक यूपीए नाम का राजनीतिक संगठन है। लेकिन यूपीए की हालत एनजीओ की तरह होती दिख रही है। यूपीए में शामिल पार्टियां किसानो के असंतोष को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यूपीए में शामिल दल कौन हैं और वे क्या करते हैं इसे लेकर भ्रम की स्थिति है।

राहुल गांधी पर सवाल, पवार की तारीफ

सामना में लिखा है कि राहुल गांधी पर्याप्त काम कर रहे हैं लेकिन उनके नेतृत्व में कुछ कमी है। कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। ज्यादा क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन की जरूरत है लेकिन ऐसा होती नहीं दिख रहा है। केवल शरद पवार ही यूपीए में नजर आते हैं। उनके अनुभव का लाभ प्रधानमंत्री मोदी तक लेते हैं। सामना के मुताबिक यूपीए में गड़बड़ है और विपक्ष को एकजुट करने के लिए नेतृत्व की जरूरत है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दूसरे राज्यों के नेता भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन वे यूपीए के बैनर तले नहीं आना चाहते। भाजपा सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर पश्चिम बंगाल सरकार पर दबाव बना रही है। बनर्जी ने पवार की मदद मांगी है। वे बंगाल जा रहे हैं यही वक्त है जब विपक्ष को एकजुट होकर ममता बनर्जी का साथ देना चाहिए और भाजपा पर दबाव बनाना चाहिए।

लोकतंत्र के पतन के लिए विपक्ष जिम्मेदार

संपादकीय में लिखा गया है कि देश में लोकतंत्र का जो अधोपतन हो रहा है  उसके लिए भाजपा या मोदी-शाह नहीं बल्कि विपक्षी दल जिम्मेदार हैं। मौजूदा स्थिति में सरकार को दोष देने के बजाय विरोधियों को आत्मचिंतन करना चाहिए। सरकार की नजर में तो विपक्ष का अस्तित्व ही नहीं है।  

शिवसेना को यूपीए के बारे में बोलने का अधिकार नहीं: नसीम खान

यूपीए और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर शिवसेना के मुखपत्र में की गई टिप्पणी कांग्रेस नेताओं को रास नहीं आई है। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री नसीम खान ने कहा है कि शिवसेना यूपीए का हिस्सा नहीं है, इस लिए उसे यूपीए के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है। श्री खान ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पहले दिन से किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी साफ कर दिया है कि वे यूपीए अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल नहीं, उनकी ऐसी कोई इच्छा नहीं है।


 

Created On :   26 Dec 2020 1:27 PM GMT

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