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राकांपा को झटका : निर्विरोध जीते कांग्रेस के अध्यक्ष - उपाध्यक्ष
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद में सत्ता में साझेदारी के लिए प्रयास कर रही राकांपा को झटका लगा है। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस के सदस्य चुने गए हैं। रश्मि बर्वेे को अध्यक्ष व मनोहर कुंभारे को उपाध्यक्ष चुना गया है। दोनों का चुनाव निर्विरोध रहा। उपाध्यक्ष पद पाने के लिए कांग्रेस को मनाती रही राकांपा ने फिलहाल उम्मीद नहीं छोड़ी है। राकांपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के साथ चुनाव के पहले गठबंधन किया गया था। लिहाजा कांग्रेस को गठबंधन धर्म का पालन करना ही होगा। जिला परिषद में अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित है। इस पद के लिए
बर्वे के अलावा अन्य किसी ने नामांकन नहीं भरा। उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से मनोहर कुंभारे, राकांपा से चंद्रशेखर कोल्हे और दिनेश बंग ने नामांकन भरा था। राकांपा के दोनों सदस्यों ने ऐन समय पर नामांकन वापस ले लिया। अध्यक्ष पद के िलए रश्मि बर्वे और उपाध्यक्ष पद के िलए मनोहर कुंभारे के नामांकन रहने से दोनों निर्विरोध निर्वाचित होने की पीठासीन अधिकार जिलाधिकारी रवींद्र कुंभारे ने घोषणा की।
अंतिम समय तक चलता रहा बैठक का दौर
जिला परिषद के आबासाहब खेलकर सभागृह में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चुनाव के लिए विशेष सभा आयोजित की गई। सुबह 11 बजे चुनाव प्रक्रिया आरंभ हुई। थोड़ी देर बाद अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की रश्मि बर्वे और उपाध्यक्ष पद के लिए मनोहर कुंभारे ने नामांकन पत्र लिया। दोपहर 12.30 बजे के दौरान दोनों ने नामांकन पत्र पेश किए। इसके बाद राकांपा के चंद्रशेखर कोल्हे और दिनेश बंग सभागृह में दाखिल हुए। उन्होंने उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया।
भाजपा की ओर से कोई भी नामांकन नहीं भरा गया। उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस और राकांपा उम्मीदवार मैदान में खड़े होने से महाआघाड़ी में खटास पड़ गई। अंतिम समय तक कांग्रेस और राकांपा नेताओं के बीच बैठक का दौर चलता रहा। राकांपा की ओर से उपाध्यक्ष और एक विषय समिति सभापति का कांग्रेस के सामने प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर कांग्रेस सहमत नहीं हुई।
बात बिगड़ती देख राकांपा नेताओं ने कांग्रेस के सामने दो विषय समिति सभापति देने का दूसरा प्रस्ताव रखा। उपाध्यक्ष पद पर अपना दावा छोड़ दोनों सदस्यों के नामांकन वापस लेने का फैसला लिया। राकांपा के सदस्यों ने ऐन वक्त पर नामांकन वापस लेकर कांग्रेस का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ कर दिया।
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डीबीटी रद्द करने का प्रयास
मनोहर कुंभारे, नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष के मुताबिक जिला परिषद के सेस फंड से व्यक्तिगत लाभ योजना चलाई जाती है। पिछली सरकार ने व्यक्तिगत लाभ योजना को डीबीटी के दायरे में लाया है। पात्र रहकर भी व्यक्तिगत लाभ योजना से लाभार्थी वंचित है। अंतिम व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए डीबीटी रद्द करना मेरी प्राथमिकता रहेगी। इसे रद्द करने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास किया जाएगा। किसानों को कर्जमाफी का लाभ दिलाने के लिए सरकार से उचित उपाययोजना करने का अनुरोध किया जाएगा।
कांग्रेस ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया
अनिल देशमुख, गृह मंत्री के मुताबिक चुनाव पूर्व गठबंधन होने के नाते कांग्रेस को अध्यक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस को उपाध्यक्ष पद मिलना अपेक्षित था। कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद अपने पास रखकर गठबंधन धर्म नहीं निभाया। राकांपा के चुनाव निरीक्षक प्रफुल्ल पटेल ने उपाध्यक्ष और एक सभापति पद राकांपा को देने का कांग्रेस के सामने प्रस्ताव रखा। कांग्रेस के नेताओं ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया। दूसरा प्रस्ताव दो सभापति पद देने का रखा। राकांपा के सदस्यों ने दाखिल किए उपाध्यक्ष पद के नामांकन वापस लेकर निर्णय कांग्रेस के नेताओं पर छोड़ दिया। सभापति चुनाव में कांग्रेस उम्मीदों पर खरा उतरेगी यह विश्वास है। नागपुर जिला परिषद चुनाव जिले तक सीमित नहीं है। राज्य की राजनीति पर इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
Created On :   19 Jan 2020 4:24 PM IST