शार्टहैंड एग्जाम : घर ले जाकर हल किया पेपर

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शार्टहैंड एग्जाम : घर ले जाकर हल किया पेपर
शार्टहैंड एग्जाम : घर ले जाकर हल किया पेपर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के एक विद्यालय में शालेय शिक्षण विभाग द्वारा आयोजित शार्टहैंड (लघुलेखन) की परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई है। परीक्षा दे रहे कुछ परीक्षार्थियों ने प्रश्न और उत्तर पत्रिकाएं अपने घर ले जाकर हल किया, तो कुछ इसे अपने इंस्टीट्यूट से हल कर ले आए। सारा खेल खुलेआम चला। एक इंस्टीट्यूट चालक ने कुछ लोगों को उत्तर-पत्रिका साथ ले जाते रंगे हाथ पकड़ा भी, लेकिन न किसी से शिकायत हुई और न कोई एक्शन। अब उत्तर-पत्रिका सरकारी कस्टडी में भी जमा हो गए। भारी गड़बड़ियों को देखते हुए इस परीक्षा को ही रद्द करने की मांग की जा रही है। 

साठ-गांठ का खेल  

राज्य सरकार अंतर्गत शालेय शिक्षण विभाग ने बुधवार को राज्य भर में शार्टहैंड की परीक्षा आयोजित की थी। विदर्भ में नागपुर, महल स्थित दादासाहब धनवटे नगर विद्यालय परीक्षा का एकमात्र केंद्र था। 3 बैच में यह परीक्षा थी। प्रत्येक बैच में 25 से 30 परीक्षार्थी थे। ये सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है, क्योंकि इसमें उत्तीर्ण होने वालों का प्रतिशत भी काफी कम होता है। ऐसे में परीक्षार्थियों ने पास होने के लिए इंस्टीट्यूट संचालक और पर्यवेक्षकों से मिलकर साठ-गांठ की। 

पकड़े , लेकिन कोई एक्शन नहीं

परीक्षा के दौरान अनेक परीक्षार्थी प्रश्न और उत्तर पत्रिका लेकर सेंटर से बाहर निकल गए। कोई इसे घर ले गया, तो अपनी इंस्टीट्यूट में हल करने पहुंचा। बाद में सभी ने परीक्षा केंद्र में पहुंचकर उसे जमा कर दिया। कुछ लोगों को बाहर उत्तर पत्रिका के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया, लेकिन परीक्षा लेने और परीक्षा देने वाले सभी मिले होने से न इसकी शिकायत हुई और न कोई एक्शन। हालांकि रंगेहाथ पकड़ने वालों ने अपने मोबाइल में उत्तर-पत्रिका और उनके आईकार्ड के फोटो जरूर ले लिए। इससे मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है।

उपसंचालक मौन

इस संबंध में शालेय शिक्षण विभाग के उपसंचालक श्री मेंढे से लगातार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिसाद नहीं दिया। इस कारण इस परीक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।

आसानी से लग जाती है नौकरी

एक इंस्टीट्यूट संचालक ने हर साल होने वाली शार्टहैंड परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का आरोप लगाया। कहा कि यह परीक्षा उत्तीर्ण करना आसान नहीं है। इसलिए सीधे शालेय शिक्षण विभाग के अधिकारी और केंद्र प्रमुख से साठ-गांठ कर परीक्षार्थी परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं। सरकारी नौकरियों में इनका काफी महत्व होने और राज्य में काफी कम संख्या होने से आसानी से नौकरी में भी लग जाते हैं। 

Created On :   25 July 2019 11:21 AM IST

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