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नक्सलवाद की राह पर भटके युवा लौट रहे वापस: शेलार

डिजिटल डेस्क,नागपुर। नक्सल विरोधी अभियान के प्रमुख व विशेष पुलिस महानिरीक्षक शरद शेलार ने कहा कि नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस ने वर्ष 2017 में अच्छे प्रयास किए। इससे नक्सलवाद की राह पर भटके युवा अब वापस आना चाहते हैं। महाराष्ट्र में नक्सलवाद की 1980 के दौरान शुरुआत हुई। उस समय के सिरोंचा क्षेत्र से सबसे पहले नक्सलियों ने घुसपैठ की। शुरुआत में राज्य के गड़चिरोली, गोंदिया, चंद्रपुर, भंडारा, यवतमाल आैर नांदेड जिले में नक्सली गतिविधियां चलने लगी थीं। अब नक्सलवाद केवल गड़चिरोली और गोंदिया जिले की कुछ तहसीलों में शुरू है। इसे भी जल्द समाप्त कर लिया जाएगा। सुराबर्डी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही।
मिल रहा जनसहयोग
श्री शेलार ने कहा कि वर्ष 2017 में पुलिस ने उल्लेखनीय कार्य किया है। नक्सली मुठभेड़ में पुलिस ने 19 नक्सलियों का खात्मा किया। 67 नक्सली व समर्थकों को गिरफ्तार किया गया, 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन के मार्फत कई तरह की लोक कल्याणकारी व विकास की योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं के शुरू होने से पुलिस को दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों से जनसंपर्क व संवाद होने से सरकार के विकास को इस क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों का बड़े पैमाने पर सहकार्य मिल रहा है। पुलिस और प्रशासन की नीति के चलते नक्सल विरोधी आंदोलन को भी सफलता मिल रही है।
180 गांवों में नागरिकों ने की नक्सली गांवबंदी
नक्सली और पुलिस मुठभेड़ में नक्सलियों का धीरे-धीरे खात्मा होने से वह बौखलाने लगे हैं। 181 गांवों के नागरिकों ने अपने गांवों में नक्सली गांवबंदी अभियान चलाकर प्रशासन की मदद की है। इससे नक्सलियों का अब जनाधार भी कम होने लगा है। उनके ज्यादा साथियों के मारे जाने से उनकी संख्या में कमी आने लगी है। उनके बहकावे में आकर नक्सली बनने वाले युवाओं में जागरूकता आ रही है। सरकार की नक्सली आत्मसमर्पण की योजना से नक्सली धारा में बहे युवा वापस लौटने लगे हैं। अब नक्सलियों को अपनी संख्या को लेकर चिंता सता रही है। गांवबंदी से नागरिक सरकार के विकास योजना को अागे बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं। इससे युवा नक्सलवाद की ओर जाने के बजाय अपनी जिंदगी संवारना चाहते हैं। इस बात से बौखला कर नक्सली निरपराध लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
सरकार व पुलिस पर स्थानीय नागरिकों का विश्वास बढ़ा
पुलिस नक्सल प्रभावित व कठिन क्षेत्रों में जनसंपर्क बढ़ा रही है। इससे स्थानीय नागरिकों का विश्वास बढ़ रहा है। ग्राम मुलाकात, जनजागरण सम्मेलन आदि उपक्रम के माध्यम से शासन की विविध विभागों से समन्वय रखकर नागरिकों की समस्या पुलिस द्वारा सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे जनता का विश्वास सरकार पर बढ़ने लगा है। नक्सली सिर्फ गुमराह करने की फिराक में लगे रहते हैं। यह बातें अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की जनता को समझ में आने लगी हैं।
शुरू हो चुका है अभियान
नक्सलियों का मुख्य गढ़ कहा जाने वाला अबुझमाड जंगल में नक्सली ठिकानों को नेस्तानाबूत कर दिया गया। गड़चिरोली जिले की कई तहसीलों में स्थानीय नागरिकों ने नक्सली बैनर, नक्सली नेताओं के पुतले जलाकर विरोध जताया। नक्सल स्मारक की तोड़फोड़ की गई। इससे यह बात सामने आ रही है कि अब नक्सलवाद को जल्द खत्म करने में मदद मिलेगी। नाकाबंदी कर नक्सलियों को विदर्भ से उल्टे पांव लौटने पर बेबस करने का अभियान शुरू हो चुका है।
Created On :   12 Jan 2018 2:19 PM IST