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कोरोना के साइड इफेक्ट दो माह बंद रहे टूरिस्ट स्पॉट, बोहनी तक नहीं
लगातार दूसरे साल पीक सीजन में होटल, रेस्टॉरेंट, टैक्सी, नौकायन, गाइड और पर्यटन से जुड़े हर काम-धंधे रहे बंद, अब ठंड के सीजन से उम्मीद
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना महामारी ने दुनिया भर में तबाही मचा रखी है। हर तरह के उद्योग-धंधे चौपट हो चुके हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित टूरिज्म इंडस्ट्री हुई है, इसका असर जबलपुर और आसपास के टूरिस्ट स्पॉट्स पर भी पड़ा है। सबसे ज्यादा असर पर्यटन से जुड़े होटल-रेस्टॉरेंट, टैक्सी, गाइड, शिल्पकार, नौकायन और अन्य तरह के स्थानीय व्यवसायों पर हुआ है। जानकारों के मुताबिक विगत दो साल से पर्यटन गतिविधियाँ बंद रहने की वजह से सरकार को करोड़ों का राजस्व और निजी क्षेत्र में इससे दोगुने घाटे का अनुमान है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कई बड़े व्यवसायियों का दावा है कि टूरिज्म क्षेत्र बर्बादी की कगार पर पहुँच गया है। अब ठंड के सीजन से लोग उम्मीद बाँधकर बैठे हैं, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर आने के संकेतों को देखते हुए ईयर एंडिंग तक पर्यटन व्यवसाय ठप रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
जबलपुर के साथ ही पूरे महाकोशल क्षेत्र के सबसे मशहूर भेड़ाघाट और बरगी जैसे टूरिस्ट स्पॉट्स हर साल गर्मी के सीजन में पर्यटकों से भरे रहते हैं। लेकिन बीते साल मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद बारिश व ठंड के सीजन में भी महामारी के डर से यहाँ पर्यटकों की संख्या कम ही रही। उम्मीद थी कि इस वर्ष गर्मी के सीजन में पिछले साल की भरपाई हो जाएगी, लेकिन अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद यहाँ अब तक लॉकडाउन ही लगा हुआ है। भेड़ाघाट नगर परिषद द्वारा संचालित होने वाले धुआँधार, पंचवटी, रोप-वे और आसपास के कई छोटे स्पॉट्स के बंद रहने से नगर परिषद को एक रुपए का राजस्व नहीं मिल सका। इसी तरह एमपीटी को बरगी में भी क्रूज और वॉटर स्पोर्टिंग से जुड़ी गतिविधियों से किसी तरह का राजस्व नहीं मिल पाया।
Created On :   10 Jun 2021 5:12 PM IST