- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- डम्पिंग यार्ड की दुर्गंध होगी खत्म,...
डम्पिंग यार्ड की दुर्गंध होगी खत्म, गोमूत्र से बने जीवामृत का होगा छिड़काव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बारिश में भांडेवाड़ी का कचरा स्थानीय लोगों के लिए भारी परेशानी का कारण बन गया है। दुर्गंध से सांस लेना मुश्किल हो रहा है। गंदगी और संडाध के चलते बीमारियां पैर पसार रही हैं। निजात दिलाने के लिए मनपा ने अनोखा प्रयोग किया है। भांडेवाड़ी डम्पिंग यार्ड में जमा कचरे पर गोमूत्र से बने जीवामृत का छिड़काव किया गया तो दुर्गंध से कुछ हद तक राहत मिली। बताया जा रहा है कि इससे कचरा डि-कंपोज होने में भी सहायता मिलेगी।
निजात नहीं दिला सका कोई प्रकल्प
बता दें कि भांडेवाड़ी डम्पिंग यार्ड में बड़ी मात्रा में कचरा जमा है। शहर से प्रतिदिन 1200 टन कचरा निकलता है। इसे हर रोज भांडेवाड़ी में जमा किया जा रहा है। कचरे की समस्या से परेशान होकर वेस्ट टू एनर्जी से लेकर कई प्रकल्प लाए गए, लेकिन कचरे से निजात दिलाने वाला प्रकल्प नहीं आया। जीवामृत बनाने वाले डॉ.अजीत कुमार परब का दावा है कि कचरे पर जीवामृत का छिड़काव करने के बाद वहां मच्छर नहीं होते हैं और दुर्गंध आना बंद हो जाता है। विशेष बात यह है कि कचरा भी डि-कंपोज होता है। शनिवार को 2000 लीटर जीवामृत का छिड़काव भांडेवाड़ी डम्पिंग यार्ड के कचरे पर किया गया। इस अवसर पर मनपा के डॉ. परब के साथ उपमहापौर दीपराज पार्डीकर, स्वास्थ्य समिति सभापति वीरेन्द्र कुकरेजा, अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, डॉ.प्रदीप दासरवार, डॉ.गजेन्द्र महल्ले आदि लोग उपस्थित थे।
ऐसे बनेगा जीवामृत
10 से 15 किलोग्राम देशी गाय का गोबर, 5 से 7 लीटर देशी गाय का मूत्र, 1 किलोग्राम देशी गुड़, 1 किलोग्राम बेसन, बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी इन सारी चीजों को मिलाकर एक प्लास्टिक के ड्रम में 200 लीटर पानी में मिलाकर रख दें। ड्रम को नारियल के पत्तों या बोरों से ढंक कर रख दें और तीन दिन तक दिन में दो बार सुबह-शाम उसे किसी छड़ी से घुमाएं। तीन दिन बाद जीवामृत उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा।
Created On :   8 July 2019 11:26 AM IST