समृद्धि एक्सप्रेस-वे: फारेस्ट प्रपोजल नहीं हुआ फाइनल

smruddhi Express-Way: Forest proposal can not be Finalized, nagpur
समृद्धि एक्सप्रेस-वे: फारेस्ट प्रपोजल नहीं हुआ फाइनल
समृद्धि एक्सप्रेस-वे: फारेस्ट प्रपोजल नहीं हुआ फाइनल

डिजिटल डेस्क,नागपुर। नागपुर-मुंबई के लिए  समृद्धि एक्सप्रेस-वे में जा रही वन विभाग की जमीन को लेकर बनाए जा रहे फारेस्ट प्रपोजल अभी तक फाइनल नहीं हो सका है। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) के प्रबंध निदेशक राधेश्याम मोपलवार की अगुवाई में वन भवन में चार घंटे चली बैठक में वन भूमि के अधिग्रहण के अलावा वन विभाग को अन्य जगह जमीन देने पर भी चर्चा हुई। नियमों पर गौर करें, तो जितनी वन भूमि अधिग्रहित की जाती है, उससे ज्यादा जमीन वन विभाग को किसी अन्य जगह देनी पड़ती है।  

नियमों में फंसा पेंच
एमएसआरडीसी के प्रबंधन निदेशक राधेश्याम मोपलवार की अगुवाई में हुई बैठक में वन विभाग, एमएसआरडीसी के अधिकारी, राजस्व विभाग (अधिग्रहण से जुड़े) के अधिकारी शामिल हुए। नागपुर व वर्धा जिले में समृद्धि एक्सप्रेस-वे का 89 किमी का हिस्सा है। इस दौरान कुछ जगहों पर वन विभाग की जमीन है। सरकार इसे अधिग्रहित कर रही है आर वन विभाग की तरफ से भी इसके लिए आपत्ति नहीं है। सारा पेंच वन विभाग के नियमों पर फंसा है। नियमों के अनुसार जितनी वनभूमि ली जाती है, उससे ज्यादा जमीन वन विभाग को देनी पड़ती है। कितनी वन भूमि अधिग्रहित की गई और कितनी जमीन वन विभाग को कहां दी जाएगी, इस पर मंथन हुआ। इसके लिए फारेस्ट प्रपोजल बनेगा। इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं मिल सका। 

मुहूर्त तय नहीं, व्यवस्था का वितरण  
समृद्धि एक्सप्रेस-वे का मुहूर्त अभी तय नहीं हुआ, लेकिन किस अधिकारी को क्या करना है, इसका बंटवारा हो गया है। मेहमानों के निवास व्यवस्था, भोजन व्यवस्था से लेकर वाहन व्यवस्था की जिम्मेदारी का वितरण कागज पर हो गया है। जिस अधिकारी को जो काम दिया गया है, उसे वहीं काम पूरा करना है। इस पर कब अमल करना है, यह तो मुहूर्त तय होने के बाद ही पता चलेगा। काम के बंटवारे से यह संकेत जरूर मिले कि, समृद्धि  एक्सप्रेस-वे के भूमिपूजन के लिए मुख्यमंत्री से लेकर अन्य  मेहमानों का समय लेने की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री को एक महीने पहले सूचना देकर समय मांगा जाता है। 

नहीं उठाया मोबाइल 
एमएसआरडीसी के प्रबंध निदेशक राधेश्याम मोपलवार ने मुंबई से नागपुर पहुंचकर वन भवन में मेराथन बैठक की। समृद्धि एक्सप्रेस-वे का काम एमएसआरडीसी को करना है। एमएसआरडीसी के प्रभारी मुख्य अभियंता जे. डाबे से कई बार मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया। राजस्व व अन्य अधिकारियों ने मोबाइल उठाया और मीटिंग में व्यस्त होने का कारण बताकर बात करने से मना कर दिया। एमएसआरडीसी के जिन अधिकारियों से संपर्क हुआ, उन्होंने श्री डाबे से बात करने को कहा। समृद्धि प्रोजेक्ट के संबंध में जानकारी साझा करने की जिम्मेदारी श्री डाबे की है। एमएसआरडीसी नागपुर में एक साल से ज्यादा समय से मुख्य अभियंता नहीं है। 


 

Created On :   4 May 2018 12:48 PM IST

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