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मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ से हो रही जानवरों की तस्करी, पुलिस नहीं लगा पा रही लगाम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पारशिवनी थानांर्तगत छत्तीसगढ़ पासिंग दस पहिया ट्रक में जानवरों को लादकर नागपुर में लाए जाने की गुप्त सूचना मिलने पर पारशिवनी पुलिस ने ट्रक को रोका। यह ट्रक मध्यप्रदेश के रास्ते से होते हुए नागपुर की ओर जा रहा था। ट्रक के अंदर 29 जानवरों को ठूंस- ठूंसकर भरा गया था, जिसके कारण 8 गायों और 1 बैल की मौत हो गई। इन जानवरों को बूचड़खाना जाने से पहले ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए छुड़ा कर चालक नजीम खान उर्फ नईम खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है।
ट्रक से जीवित निकाले गए 20 जानवरों को गौशाला में भेज दिया गया है। पारशिवनी के थानेदार विलास काले की सतर्कता के चलते बड़ी कार्रवाई उजागर हो गई। नागपुर में जानवरों की तस्करी का सबसे बड़ा अड्डा है। यहां पर कामठी, महेंद्रनगर, पीली नदी, टेका नाका सहित कई प्रमुख ठिकाने हैं। इन ठिकानों पर इसके पहले पांचपावली पुलिस ने कई बार छापामार कार्रवाई की, लेकिन उसके बाद भी यह ठिकाने बंद नहीं हो पा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि महेंद्र नगर में चल रहे अवैध बूचड़खाने को लेकर कुछ आरोपियों ने पुलिस से साथ सांठ- गांठ कर रखी है, जिसके चलते सिर्फ दिखावे की कार्रवाई की जाती है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पारशिवनी पुलिस को गुप्त जानकारी मिली कि दस पहिया ट्रक क्रमांक सीजी 04 जे ई- 0443 में कुछ जानवरों काे लादकर नागपुर के बूचड़खाना में भेजा गया है। पारशिवनी पुलिस ने रविवार को सुबह ट्रक को अपने क्षेत्र में रोका। ट्रक की तलाशी लेने पर उसमें 24 गायें, 5 बैल सहित 29 जानवरों को लादा गया था। इन जानवरों को इतनी बेरहमी से उसके अंदर लादा गया था कि ट्रक के हिचकोले खाने पर 8 गायें व 1 बैल की मौत हो गई। पारशिवनी थाने के उपनि डी.जी पलनाटे, पुलिस नायब मुदसर जमाल, सिपाही बादल गिरी, रुपेश राठोड़ व अन्य ने कार्रवाई में सहयोग किया।
तत्कालीन पुलिस उपायुक्त अभिनाशकुमार से डरते थे अवैध कारोबारी
नागपुर शहर और ग्रामीण पुलिस जानवरों की तस्करी में लिप्त आरोपियों पर लगाम कसने में असफल साबित हो रही है। तत्कालीन पुलिस उपायुक्त अभिनाश कुमार ने इन आरोपियों की नाक में दम कर दिया था। उन्होंने कई ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की थी। उन्होंने अपने कार्यकाल के समय साफ कह दिया था, कि किसी भी ट्रक में जानवरों के पकड़े जाने पर वह ट्रक मालिकों पर कार्रवाई करेंगे। इस डर से जानवरों की तस्करी पर काफी हद तक रोक लग गई थी। नागपुर में कई अवैध बूचड़खानों पर उनके कार्यकाल में छापामार कार्रवाई की गई थी। सबसे बड़ा अड्डा महेंद्र नगर में चलता है। चर्चा है कि यहां के अड्डे के संचालक लाखों रुपए देते हैं, जिसके चलते नाम मात्र दिखावे की कार्रवाई कर दी जाती है। उत्तर नागपुर में कई सफेदपोश भी इस कारोबार से अवैध रूप से जुड़कर कार्य कर रहे हैं। इसके पहले पुलिस ने सैकड़ों जानवरों को महेंद्रनगर पानी की टंकी के अड्डे से बचा चुकी है।
Created On :   10 Jun 2019 8:19 AM GMT