कार्रवाई से गुस्साए SNDLकर्मी, काला पट्टी बांधकर किया काम

SNDLs technical staff is angry with the managements arbitrarily
कार्रवाई से गुस्साए SNDLकर्मी, काला पट्टी बांधकर किया काम
कार्रवाई से गुस्साए SNDLकर्मी, काला पट्टी बांधकर किया काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  एनएनडीएल के तकनीकी कर्मचारी प्रबंधन की मनमानी से SNDL कर्मी गुस्सा गए हैं और प्रबंधन के खिलाफ काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के नेतृत्व में एसएनडीएल के तुलसीबाग कार्यालय के सामने हुई द्वार सभा  में एसएनडीएल प्रबंधन पर आरोप लगाया गया कि वह वेवजह कर्मचारियों को परेशान कर रहा है। स्पैनको जोन अध्यक्ष सचिन कालबांडे ने कहा कि पिछले 6 वर्ष से सभी कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर यहां कार्य कर रहे हैं। आज तक किसी भी उपभोक्ता ने कामगारों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है। प्रबंधन के कुछ अधिकारी भ्रष्ट लोगों को संरक्षण देने कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई कर रहे हैं। प्रबंधन की इस कर्मचारी विरोधी नीति के विरुद्ध सभी कर्मचारी काला फीता लगा कर अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे। सभा में जोन उपाध्यक्ष सुशील ढेंगले, जोन सचिव नितिन शेंद्रे, चेतन चव्हान, चंदू गायधने, घनश्याम चरोडे, समीर पठान, सतीश मामर्डे, अनिल पाटनकर, विलास कुमेरिया सहित 200 से अधिक सदस्य उपस्थित थे।
विधानसभा पर 13 को माेर्चा
एसएनडीएल प्रबंधन की कामगार विरोधी व भ्रष्ट लोगों को संरक्षण देने की नीति की ओर शासन तथा महावितरण का ध्यान आकर्षित करने के लिए 13 दिसंबर को विधानसभा पर मोर्चा निकाला जाएगा व 24 घंटे काम बंद आंदोलन किया जाएगा। यह जानकारी अध्यक्ष सचिन कालबांडे ने दी। 
सूत्रों के अनुसार पिछले माह प्राप्त रिश्वत मांगने की एक शिकायत पर एसएनडीएल ने जांच कराई थी। प्रथमदृष्टया साक्ष्य मिलने पर प्रकरण जांच कमेटी को सौंपा गया। कमेटी ने जिन दो आरोपियों पर रिश्वत मांगने का आरोप था, उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया। बावजूद इसके आरोप सिद्ध हुए और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार जांच कमेटी की बैठक में यूनियन के पदाधिकारी भी शामिल थे। इस संदर्भ में SNDL  का कहना है कि प्रबंधन किसी भी कर्मचारी के अहित की नहीं सोचता और न ही उन्हें दंडित करना चाहता है। साथ ही कंपनी कोई भी अनैतिक कार्य को भी बढ़ावा नहीं देना चाहती। विद्युत आपूर्ति अत्यंत आवश्यक सेवा के तहत अाती है। विद्युत उपभोक्ताओं के हित में फेडरेशन को अपना निर्णय बदलना चाहिए।

 

Created On :   5 Dec 2017 12:23 PM IST

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