पीएमओ में बैठे गोडसे के कुछ भक्तों ने मुझे गिरफ्तार करवाया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद जेल से बाहर आए गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गुजरात में मुंद्रा पोर्ट पर 1 लाख 75 हजार करोड का ड्रग्स पाई जाने के अलावा राज्य में पिछले 8-10 सालों के दौरान 22 एग्जाम के पेपर लीक हुए, उसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन मेरे देश में शांति और अमन रखने की प्रधानमंत्री से अपील करने वाले ट्वीट पर तुरंत कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ पीएमओ में बैठे गोडसे के कुछ भक्तों ने दो एफआईआर दर्ज करवा दी और गिरफ्तार करवाया। उन्होंने राज्य में कई गंभीर मामलों में जांच की मांग को लेकर 1 जून को गुजरात बंद का आह्वान भी किया।
कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए विधायक मेवानी ने कहा कि इस देश में धर्म संसद के नाम पर एक विशेष समुदाय के लोगों के नरसंहार का आह्वान किया जाता है। कुछ लोग सार्वजनिक स्थान पर गोली मारो सालों को कहते है, लेकिन उसकी न जांच होती होती है न एफआईआर और न ही कोई कार्रवाई की जाती है। मेवानी ने कहा कि मैने केवल एक ट्वीट किया था, जिसमें यहीं कहा था कि राज्य के हिम्मतनगर, खंभात और वेरावल में कम्युनल टेंशन हुए है तो जब प्रधानमंत्री गुजरात आ रहे है इस मुद्दे को देखते हुए वे शांति और अमन बनाए रखने की अपील करें। इस पर ही मेरे खिलाफ संगीन दो एफआईआर दर्ज करा दी जाती है। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इससे गुजरात की सरकार, प्रधानमंत्री और देश की मोदी सरकार की मंशा का पता चलता है।
मेवानी ने कहा कि मेरे खिलाफ एफआईआर द र्ज किए जाने से पहले ही फ्लाइट्स के टिकट बुक कराए गए थे, ताकि मेरे विधानसभा क्षेत्र तक पहुंचा जा सके। मेवानी ने कहा कि 19 अप्रैल को मेरे खिलाफ एफआईआर द र्ज की गई थी और असम की पुलिस 2500 किलोमीटर का सफर तय करके एक रात में ही पहुंच गई। मैं नहीं जानता की उन्होंने कब टिकट बुक कराई थी और कैसे कोकराझार से गुवाहाटी एयरपोर्ट पहुंचे और फिर बेंगलुरु में फ्लाइट चेंज करके अहमदाबाद आए। इसके बाद वहां से 140 किलोमीटर का वडगाम का सफर तय किया। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि मेरे खिलाफ पहले ही साजिश रची गई थी।
Created On :   2 May 2022 10:04 PM IST