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सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था विखे पाटील- शरद पवार विवाद, 50 साल पुराना है मसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील के बेटे डा सुजय विखे-पाटील के भाजपाई बनाने के लिए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को जिम्मेदार माना जा रहा है। कांग्रेस व गांधी परिवार का पुराना वफादार विखे-पाटील परिवार हालांकि इसके पहले भी कांग्रेस छोड़ चुका है। दरअसलल पवार और विखे पाटील परिवार की राजनीतिक दुश्मनी करीब 50 साल पुरानी है। सुजय के भाजपा में शामिल होने के एक दिन पहले राकांपा सुप्रीमों पवार ने पुणे में प्रेस कांफ्रेस कर जिस तरह विखे पाटील परिवार पर हमला बोला, उससे दोनों परिवारों की दुश्मनी फिर से ताजा हो गई है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता राधा कृष्ण विखेपाटील के बेट सुजय विखे पाटील के भाजपा में शामिल होने के बाद शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा है कि राधा कृष्ण विखे पाटील को हम शिवसेना में शामिल होने का आमंत्रण देते हैं। उन्होंने कहा कि सुजय भाजपा में गए आप (राधाकृष्ण) शिवसेना में आकर युति को मजबूत करो। गौरतलब है कि राधाकृष्ण के पिता दिवंगत बाला साहेब विखे पाटील शिवसेना के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शिवसेना कोटे से केंद्र में मंत्री भी बने थे।
जिस वक्त पवार राजनीति में आए, उस वक्त कांग्रेस में बाला साहेब विखे पाटील गुट का दबदबा था। इस लिए विखे पाटील को मात देने के लिए पवार रणनीति बनाने लगे। इसके लिए पवार ने यशवंत राव गडाख पाटील, रामराव आदिक व मधुकर पिचड को अपने साथ लिया। 1991 में लोकसभा चुनाव में बाला साहेब विखे पाटील की उम्मीदवारी पर कैची चल गई। नाराज विखे पाटील निर्दलिय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे तो पवार ने कांग्रेस के टिकट पर यशवंतराव को उनके खिलाफ मैदान में उतार दिया। इस चुनाव में विखे पाटील को हार का सामना करना पड़ा। चुनाव बाद बाला साहेब विखे पाटील ने चरित्र हनन का आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दायर कर दी। यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट तक गया और यशवंतराव गडाख पर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने के साथ ही शरद पवार के मतदान के अधिकार पर रोक लगा दी। बाद में सुप्रीम कोर्ट से पवार को राहत मिली। दोनों परिवार की राजनीतिक अदावत के चलते ही कांग्रेस हाईकमान के प्रयासों के बावजूद पवार अहमदनगर सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुए जबकि उनके पास इस सीट से लड़ने के लिए कोई मजबूत उम्मीदवार भी नहीं है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने सुजय का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से पार्टी के प्रति युवाओं का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा की संसदीय कमेटी डा सुजय विखे पाटील का नाम अमहमदनगर सीट के लिए केंद्रीय चुनाव कमेटी के पास भेजगी। उम्मीदवारी पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार मोदी के नेतृत्व में काम करने वाली केंद्रीय कमेटी के पास है। पर यहां से जो नाम जाएगा, वहां उस पर मुहर लग जाएगी। यानि मुख्यमंत्री ने अहमदनगर सीट से डा सुजय की उम्मीदवारी पक्की कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अहमदनगर सीट रिकार्ड वोटों से जीतेंगे। उन्होंने कहा कि अन्य दलों को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार भी नहीं मिल रहे हैं।
Created On :   12 March 2019 6:21 PM IST