सोयाबीन के बीज नहीं हुए अंकुरित, मुआवजा मांग रहे चिंतित किसान

Soybean seeds are not sprouted, farmers are facing the trouble
सोयाबीन के बीज नहीं हुए अंकुरित, मुआवजा मांग रहे चिंतित किसान
सोयाबीन के बीज नहीं हुए अंकुरित, मुआवजा मांग रहे चिंतित किसान

डिजिटल डेस्क, परतवाड़ा (अमरावती)। अचलपुर तहसील के कुछ गांव के खेतों में सोयाबीन की बुआई करने के बाद बीज अंकुरित नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। सोयाबीन बीज अंकुरित नहीं होने से किसानों पर दोबारा बुआई का संकट मंडराने लगा है। ज्यादा से ज्यादा शिकायतें महाबीज कंपनी के बीजों की प्राप्त हो रही है। किसानों ने नुकसान का मुआवजा प्राप्ति के लिए कृषि विभाग में शिकायत दी है, यह जानकारी अचलपुर पंचायत समिति कार्यालय ने दी। 

जानकारी के अनुसार तहसील के करीब 20 से 25 गांव ऐसे हैं, जहां खेतों के बीज अंकुरित ही नहीं हुए हैं। इनमें इसापुर, वासनी खु, कोल्हा,वडनेर भुजंग, असदपुर, परसापुर, शामपुर, खतीजापुर, सावली बुकुष्ठाबु, काकडा,भिलोना, भुगांव रासेगांव, निभारी, रावलगांव,शहापुर, बोरगांवपेठ,बोरगांव तलणी,सावलापुर सहित अनेक गांव शामिल हैं। सोयाबीन की बुआई करने पर बीज निश्चित समयवधि के बाद अंकुरित नहीं होने से किसानों को झटका लगा। उन्होंने नुकसान का मुआवजा देने संबंधी शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया है।

ऐसी करीब 85 शिकायतें कृषि विभाग, पंचायत समिति, अचलपुर को प्राप्त हुई है। इसमें महाबीज कंपनी की सबसे ज्यादा शिकायतें है। इसके साथ ही वसंत एग्रोटेक, सुंदरम सीड्स , एग्रोसीड्स बायोटेक, सिद्धा सीड्स आदि कंपनी की भी शिकायतें मिली है। किसानों ने सोयाबीन की बुआई करने के बाद बीज अंकुरित नहीं होने से  नुकसान का मुआवजा मांगा है। इस संदर्भ में कृषि अधिकारी ने बताया कि, बीज अंकुरित नहीं होने के और भी कई कारण हो सकते हैं, लेकिन विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ  कहा जा सकता है।  

लगातार बढ़ रही शिकायतें
जून माह से अनेक शिकायतें प्राप्त हुई है। आगे भी शिकायतें बढ़ने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। क्षेत्र के किसानों की स्थिति कमजोर है। कर्जमाफी का लाभ भी संतोषजनक नहीं मिला। उत्पादन खर्च अधिक और लागत माल को उचित दाम नहीं मिलने से किसान संकट में आ जाते हैं। किसानों का कहना है कि किसानों को संकट से उबारने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों का मार्गदर्शन करने की जरूरत है। उन्हें शास्त्रोक्त पद्धति से खेत में बुआई के साथ नए-नए प्रयोग व पद्धति का इस्तेमाल करने के लिए मार्गदर्शन करना चाहिए।

लेकिन कृषि विभाग के उपविभागीय कृषि अधिकारी व तहसील कृषि अधिकारी का पद एक ही व्यक्ति के भरोसे रहने से किसानों की समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया इसलिए किसानों को उचित मार्गदर्शन नहीं मिला। प्रशासन के ढुलमुल कामकाज का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसानों ने नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। 

Created On :   18 July 2018 10:28 AM GMT

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