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हिंदी से मार्क्स स्कोर करने में मिलती है मदद, क्लासेस लगाकर सीख रहे हिंदी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भाषा पर कमांड होना जरूरी होता है, फिर चाहे हिंदी,अंग्रेजी हो या मातृभाषा मराठी। भाषा पर निपुणता से पूरे-पूरे मार्क्स प्राप्त किए जा सकते हैं। आजकल की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम में होने के कारण बच्चे हिंदी को ज्यादा समय नहीं दे पाते इसलिए वे हिंदी लिखने-पढ़ने में ज्यादा गलती करते हैं। स्कूलों में हिंदी का एक ही पीरियड होने के कारण भी बच्चे इस सब्जेक्ट पर भरपूर समय नहीं दे पाते हैं। अब स्कूल भी कुछ दिनों में खुलने वाले हैं।
ऐसे में बच्चे गर्मी की छुट्टियों में अपनी हिन्दी इंप्रूव करने के लिए क्लासेस ले रहे हैं, जिससे उन्हें लिखने में आसानी हो। इन क्लासेस में वर्णमाला, मात्राओं आदि पर बहुत ध्यान दिया जाता है, ताकि बच्चा हिन्दी लिखने में कोई गलती न करे। हिंदी जानकारों का कहना है कि समय के साथ बदलाव होना जरूरी है, पर अपनी राष्ट्रभाषा की तरफ ध्यान न देना बहुत ही गलत है।
बच्चों की भी गलती नहीं
बच्चों के मन में बचपन से ही इंग्लिश बोलने और लिखने पर इतना जोर दिया जाता है कि वे हिन्दी की तरफ ध्यान ही नहीं देते हैं। बच्चों को स्कूल में एक ही पीरियड हिन्दी का होने से हिन्दी के लिए उतना समय नहीं मिल पाता है। इसलिए बच्चा अगर हिन्दी लिखने में गलती करता है, तो उसमें बच्चे की गलती नहीं है। हिन्दी में मात्राओं की गलती होने के कारण उन्हें नंबर भी कम मिलते हैं। समर क्लासेस में हिन्दी इंप्रूव करके उन्हें मार्क्स स्कोर करने में परेशानी भी नहीं होगी।
(अविका दसानी, पैरेंट्स)
हिन्दी लिखने में हुआ सुधार
मुझे हिन्दी लिखने में बहुत परेशानी होती थी, इसलिए मैं हिन्दी इंप्रूूवमेंट क्लासेस ले रही हूं। काफी कुछ सुधार हो रहा है। कहां कौन सी मात्रा लगानी है और कहां नहीं, इसमें बहुत गलती करती थी। इससे मार्क्स स्कोर करने में भी प्रॉबलम होती थी। बाकी सब्जेक्ट में अच्छे अंक आते थे, पर हिन्दी लिखने में गलती होने के कारण नंबर कम मिलते थे। समर में मैंने हिन्दी इंप्रूवमेंट क्लासेस ली है, जिससे अब हिन्दी लिखने में काफी कुछ सुधार आया है।
(शीतल शर्मा, स्टूडेन्ट)
राष्ट्रभाषा का ज्ञान होना जरूरी
मैंने हमेशा ही अपनी राष्ट्रभाषा को महत्व दिया है। मैं हमेशा बच्चों को भी इसी बात के लिए प्रेरित करती हूं। मेरा उद्देश्य यही है कि बच्चों को राष्ट्रभाषा का ज्ञान होना चाहिए। जब मैं बच्चों को शुद्ध हिन्दी लिखते देखती हूं, तो अच्छा लगता था।
(अंजू जैस, हिन्दी टीचर)
Created On :   7 Jun 2018 4:05 PM IST