तन और मन का आध्यात्मिक अभ्यास ‘फालुन दाफा’

Spiritual practice of body and mind Falun Dafa,
तन और मन का आध्यात्मिक अभ्यास ‘फालुन दाफा’
तन और मन का आध्यात्मिक अभ्यास ‘फालुन दाफा’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ‘फालुन दाफा’, जिसे फालुन गोंग भी कहा जाता है, यह मन और शरीर का आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसे श्री ली होंगजी ने पहली बार 1992 में चीन में सार्वजनिक किया। फालुन दाफा साधना अभ्यास प्रकृति सत्य, करुणा और सहनशीलता पर आधारित है। साधना का अर्थ है स्वयं को निरंतर ब्रह्मांड के सिद्धांतों के अनुरूप बेहतर करना। फालुन दाफा पांच सरल व्यायामों का अभ्यास करना है। अभ्यास करने के लिए कोई निर्धारित अवधि तय नहीं है। साधना अभ्यास संगीत का पूर्ण सत्र है।

इसमें चार अभ्यास खड़े होकर करते हैं पांचवां अभ्यास ध्यान करना होता है, जो एक घंटा करते हैं। अभ्यास की शुरुआत 20 मिनट से करते हैं, फिर आगे समय बढ़ाते जाते हैं। यह कल्टीवेशन प्रैक्टिस है। नागपुर में भी हजारों लोग फालुन दाफा का अभ्यास कर रहे हैं और स्वस्थ हो रहे हैं। विश्व ‘फालुन दाफा’ दिवस   नागपुर के ललित कला भवन, चॉक्स कॉलोनी में मनाया गया। फालुन दाफा की पुस्तकें 40 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध हैं। फालुन दाफा स्कूल व कॉलेजों में भी सिखाए जाते हैं।  

नागपुर में 20 अभ्यास केंद्र  
फालुन दाफा का सकारात्मक प्रभाव विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम व नैतिक गुणों पर पड़ता है। नागपुर में 20 जगहों पर इसके अभ्यास केंद्र हैं। व्यायाम और ध्यान एक या दो घंटे में सीखा जा सकता है और एक सप्ताह में पारंगत हो सकते हैं। प्राथमिक शिक्षा, जो फालुन पुस्तकों में दी गई है, कई बैठकों में पढ़ी जा सकती है। इनमें महारत हासिल करना, निश्चित रूप से, आध्यात्मिक विकास के लिए एक आजीवन प्रक्रिया है। फालुन दाफा पुस्तकें ऑनलाइन पढ़ने के लिए और नि:शुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। सभी कार्यशालाएं, अभ्यास सत्र, और संबंधित समारोह नि:शुल्क आयोजित किए जाते हैं। 

पांच व्यायाम सिखाए जाते हैं 
फालुन दाफा में पांच व्यायाम सिखाए जाते हैं, जो गति में धीमे, सौम्य और ध्यान पर आधारित होते हैं। व्यायाम सीखने में सरल और प्रभावशाली हैं। इसकी पूरी प्रक्रिया पूरी तरह नि:शुल्क सिखाए जाते हैं। फालुन दाफा का अभ्यास न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से लाभदायक होता है। इसमें नैतिक गुणों पर काफी बल दिया जाता है। सत्य, करुणा, सहनशीलता के तीन सिद्धांतों का रोजमर्रा की जिंदगी में पालन करना सिखाया जाता है। सिद्धांतों के अनुसार चलने पर फालुन दाफा के अभ्यासी बहुत ऊंचे स्तरों तक पहुंच सकते हैं, जीवन के वास्तविक अर्थ का ज्ञानोदय कर सकते हैं तथा अपने मूल आत्मस्वरूप की ओर लौट सकते हैं। वैसे तो व्यायामों का आंतरिक अर्थ गहरा है, लेकिन वे तनाव को कम करने और फिटनेस में बहुत सुधार ला सकते हैं।     
(क्षीरसागर कांबले, रामेश्वरी चौक)

 

Created On :   15 May 2018 3:53 PM IST

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