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महिलाओं को सशक्त बनाने पदयात्रा पर निकली सृष्टि बख्शी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महिलाओं को सशक्त बनाने और अधिकारों के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाते हुए सृष्टि बख्शी 3800 किलोमीटर की पदयात्रा कर रही हैं। इस दौरान नागपुर पहुंचीं सृष्टि ने बताया कि किसी भी मुहिम को अगर कामयाबी तक पहुंचाना है, तो हमें महिलाओं को उसमें शामिल करना होगा। सृष्टि अब तक 1700 किमी की यात्रा कर चुकी हैं। पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि यह यात्रा 15 सितंबर से शुरू की है। इसमें वे 3800 किलोमीटर तक की पदयात्रा करेंगी। इसके जरिए महिलाओं की सुरक्षा और इंटरनेट के जरिए बदलाव लाना है। क्रॉस-बो माइल्स मुहिम की सृष्टि बख्शी संस्थापिका हैं और अब तक वे कई गांवों और शहरों में महिलाओं के लिए कार्यशाला आयोजित कर चुकी हैं। तमिलनाडु, कनार्टक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में वे पदयात्रा कर चुकी हैं। कन्याकुमारी से श्रीनगर तक 260 दिन में यात्रा करने का सृष्टि का लक्ष्य है।
नाइट वॉक को मानती हैं सर्वोत्तम : सृष्टि बख्शी ने बताया कि उनका इरादा रिकॉर्ड बनाना नहीं, बल्कि लोगों को जोड़ना है। वे महिलाओं के हितों के लिए काम कर रही है। महिलाओं को उनकी सुरक्षा, डिजिटल व अार्थिक साक्षरता के बारे में जागरूकता का संदेश दे रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं रात में सुरक्षित नहीं हैं। उन्हें सुरक्षित होने में वर्षों लग जाएंगे। धीरे-धीरे ही बदलाव आते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 16000 लोगों से मिल चुकी हैं। हाईवे पर रात में चलती हैं। सुरक्षा के लिए उनके पास बैकअप होता है। इसके लिए वे जिलाधिकारी व पुलिस की मदद लेती हैं। उनके साथ उनकी टीम है, जिनमें उनके पिता भी शामिल हैं।
एक घटना ने झकझोर दिया
सफर के लिए किसने प्रेरित किया के सवाल पर बख्शी का कहना है कि 2016 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक मां और बेटी सेे सामूहिक बलात्कार की खबर पढ़ी थी, तब से मेरे मन में यह विचार आया देश में महिला परिवार के साथ में भी सुरक्षित नहीं हैं। इस घटना ने मेरी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। सृष्टि ने कहा कि वे हर दिन 30 किमी व 36000 स्टेप चलती हैं। उन्होंने गूगल और अन्य कंपनियों के साथ नेटवर्क के लिए करार किया है। नेटवर्क का उद्देश्य महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए इंटरनेट की शक्ति का दोहन करना है। उन्होंने यात्रा के लिए एक वर्ष का प्रशिक्षण लिया।
यात्रा के बाद जारी करेंगी श्वतेपत्र
सृष्टि के अनुसार महाराष्ट्र में उनकी टीम कई कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है। टीम ने महाराष्ट्र सहित 5 राज्यों की अपनी यात्रा में महिलाओं की समस्या को समझा है, जो ज्यादातर एक जैसी हैं, लेकिन उनकी मात्रा व संख्या अलग-अलग हैं। प्रमुख चुनौतियों में आत्मविश्वास की कमी, बालिकाओं के लिए सीमित शिक्षा के अवसर, दहेज, नशावृत्ति और घरेलू हिंसा हैं। क्रॉस-बो माइल्स का लक्ष्य महिलाओं की प्रमुख समस्याओं को जानना और संभावित समाधानों पर केंद्रित हो कर यात्रा के समापन पर श्वेतपत्र के रूप में अधिकारियों को सौंपना है। महाराष्ट्र में महिलाएं मजबूत हैं, मेहनती हैं और समाज में उनकी अलग पहचान है, लेकिन वे बड़े सपने देखने और महत्वाकांक्षा की दिशा में बढ़ने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, क्योंकि उन्हें अपनी इच्छाओं का दमन करना सिखा दिया जाता है। परिवार के स्तर पर लैंगिक व्यवस्था में थोड़ा बदलाव करके इसे सुधारा जा सकता है। इस अभियान का लक्ष्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से होते हुए यात्रा के पूरे मार्ग में जागरूकता का प्रसार करना है।
Created On :   29 Dec 2017 2:57 PM IST