चूने से लिखी जा रही एसटी बसों की दिशा , गंतव्य पाटी का टोटा

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चूने से लिखी जा रही एसटी बसों की दिशा , गंतव्य पाटी का टोटा
चूने से लिखी जा रही एसटी बसों की दिशा , गंतव्य पाटी का टोटा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  एसटी बसों की धुंधली होती दिशा फलक अब पूरी तरह से मिटने लगी है। बावजूद इसके नई पाटी नहीं बनाई जा रही है। परिणामस्वरुप यात्रियों को गाड़ी की दिशा बताने के लिए कांच पर ही चूने से गंतव्य दिशा का नाम लिखना पड़ रहा है।  सफर के दौरान कई बार यह धुंधला  जाता है। जिससे यात्रियों को बसों की दिशा समझने में परेशान उठानी पड़ती है। कई बार तो यात्री गलत बसों में भी बैठ जाते हैं।

एस टी बसें यात्रियों की जरूरत है। नागपुर के गणेशपेठ बस स्टैण्ड से प्रतिदिन 114 बसें उमरेड, काटोल, चंद्रपुर, बल्लारशाह, नरखेड, नांदेड़, पुणे, हैदराबाद तक का सफर करती है। बस नागपुर बस स्टैण्ड से आखरी किस गांव या शहर तक पहुंचेगी, इसलिए सामने गंतव्य पाटी लगाई जाती है। जिसे देख यात्री बस का आखिर स्टॉपेज समझकर अपनी सुविधानुसार बैठते हैं।

उपरोक्त बस स्टैण्ड की बात करें तो लंबे समय से यह दिशा फलक बनाये नहीं है। ऐसे में वर्षों से चलते आनेवाले दिशा फलकों में अधिकांश गायब हो गये हैं।  कुछ बचे हैं, लेकिन इनमें लिखे गांव के नाम समझ नहीं आते हैं। ऐसे में अब ड्राइवर व कंडक्टर बस की दिशा समझाने के लिए चूने की सहायता से सामने के कांच पर दिशा का नाम लिख रहे हैं। लेकिन यह इतना धुंधला होता है, कि कई बार यात्रियों की समझ से परे हो जाता है। चंद्रपुर, उमरेड से लेकर विभिन्न बसों के सामने चूने से दिशा लिखी देखी जा रही है। ऐसे में कई बार यात्री गलत बसों में तक बैठ जाते हैं।  

कहां से होकर जाएगी नहीं पता 
एक्सप्रेस बसों में लगनेवाले दिशा फलक में मुख्य स्टॉपेज से आखरी स्टॉपेज के बीच बस किन-किन छोटे गांव से होकर गुजरेगी यह भी लिखा होता है। जिससे यात्रियों को बस की सही स्थिति समझने में कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन इन दिनों चूने से गंतव्य लिखने से बीच में बस कहां से होकर गुजरेगी पता नहीं चल रहा है।

प्राइवेट बसों का लेते हैं सहारा
वर्तमान स्थिति में एस टी में लाल बसों के साथ शिवशाही बसों का भी संचालन हो रहा है। लंबी दूरियों के लिए शिवशाही बसों का उपयोग किया जाता है। लेकिन यात्रियों की तुलना में पर्याप्त शिवशाही बसें नहीं रहने से कुछ प्राइवेट कंपनियों को इसका जिम्मा दिया है। जिसके लिए प्रति किमी के अनुसार एस टी प्रशासन इन्हें किराया भी देते हैं। सूत्रों के अनुसार इन बसों में दिशा फलक लगाये जाते हैं। जिसे वह वापस नहीं करते हैं। ऐसे में लगातार इसका टोटा होते जा रहा है।:

 

Created On :   17 Dec 2019 3:19 PM IST

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