रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट: LAC पर चीन का अतिक्रमण बढ़ा, गतिरोध लंबे अरसे तक बने रहने की आशंका

Standoff with China is likely to be prolonged says indian Defence Ministry in status report on border tension Galwan Valley LAC
रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट: LAC पर चीन का अतिक्रमण बढ़ा, गतिरोध लंबे अरसे तक बने रहने की आशंका
रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट: LAC पर चीन का अतिक्रमण बढ़ा, गतिरोध लंबे अरसे तक बने रहने की आशंका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के साथ मौजूदा गतिरोध के लंबे समय तक बने रहने की आशंका है। रक्षा मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के संबंध में अपनी स्टेटस रिपोर्ट में यह बात कही है। रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी अतिक्रमण को लेकर ब्यौरा जारी किया है। रिपोर्ट में तनाव को कम करने के लिए चीन के साथ हुई सभी बैठकों के नतीजों का भी जिक्र किया गया है।

मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है, पूर्वी लद्दाख में चीन द्वारा एकतरफा अतिक्रमण से पैदा हुई स्थिति संवेदनशील बनी हुई है और इस बारे में स्थिति के आधार पर करीबी निगरानी और शीघ्र कार्रवाई की आवश्यकता है। चीनी अतिक्रमण एलएसी पर बढ़ रहा है और विशेष रूप से 5 मई, 2020 से गलवान घाटी में घुसपैठ ज्यादा बढ़ गई है।

चीनी पक्ष ने 17 मई और 18 मई को कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग झील के उत्तरी तट के क्षेत्रों में अतिक्रमण किया है। मंत्रालय ने कहा, इसके परिणामस्वरूप, तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों के सशस्त्र बलों के बीच ग्राउंड लेवल की बातचीत हुई। कोर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग 6 जून को हुई थी। हालांकि, 15 जून को दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए। बाद में दूसरी कोर कमांडर स्तर की बैठक 22 जून को सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए हुई।

वर्तमान गतिरोध लंबे समय तक बने रहने की संभावना
रिपोर्ट में कहा गया, सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत पारस्परिक रूप से स्वीकार्य सर्वसम्मति पर पहुंच रही है, लेकिन वर्तमान गतिरोध लंबे समय तक बने रहने की संभावना है। सीमा पर दोनों देशों के बीच जो हालात बन रहे हैं, उनके आधार पर शीघ्र कदम उठाया जाना चाहिए। तीसरी बैठक 30 जून को हुई और यह लगभग 12 घंटे तक चली। बैठक के दौरान, स्थिति को स्थिर करने के लिए गतिरोध के सभी विवादास्पद क्षेत्रों पर चर्चा की गई।

सेना को लंबे गतिरोध के मद्देनजर तैयार रहने का निर्देश
चीन पैंगोंग से वापस जाने के लिए तैयार हो गया था, लेकिन पीछे नहीं हआ। भारत ने फिंगर 8 पर वास्तविक नियंत्रण रेखा का दावा किया है और चीनी फिंगर 4 और फिंगर 5 के बीच हैं। चौथी बैठक 14 जुलाई को हुई, जहां भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने सीमाओं पर सैनिकों को पीछे हटाने के बारे में विचार-विमर्श किया। भारतीय प्रतिनिधियों ने चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों को पैंगोंग झील और देपसांग से पूरी तरह से हटने को कहा। पांचवीं बैठक 2 अगस्त को हुई जिसने यह स्पष्ट कर दिया कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर से हटने को लेकर चीन प्रतिबद्ध नहीं है और भारतीय अधिकारियों ने सशस्त्र बलों को लंबे गतिरोध के मद्देनजर तैयार रहने का निर्देश दिया।

Created On :   6 Aug 2020 9:27 AM GMT

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