- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- कोरोना के इलाज में स्टार हेल्थ...
कोरोना के इलाज में स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने कर दी कटौती
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पॉलिसी बेचते वक्त तो बीमा कंपनी कई तरह के वादे करती है और उन्हीं वादों में आकर आम लोग अनेक पॉलिसी खरीद लेते हैं। जब बीमा कंपनी की आवश्यकता आम लोगों को होती है तो बीमा कंपनी के अधिकारी हाथ खड़े कर लेते हैं। बीमित को न तो कैशलेस का लाभ दिया जाता है और न ही बीमा का क्लेम देने तैयार होती है। बीमा कंपनी सीधे तौर पर धोखा देते नजर आती है। ऐसी स्थिति में पीड़ित अपनी पीड़ा बताने जाए तो जाएँ कहा। पीड़ित जब-जब अस्पताल के बिल, बीमा संबंधी दस्तावेज इंश्योरेंस कंपनी को सौपते हैं तो किसी न किसी तरह की खामी उसमें निकाल ली जाती है और उसके बाद क्वेरी भेजी जाती है। परिवार के सदस्य सारी जानकारी जब सत्यापित कराकर देते हैं तो यह कहते हुए क्लेम को निरस्त या फिर कटौती कर दी जाती है कि यह नियम में नहीं आता है। पॉलिसी धारक परेशान होकर कंज्यूमर फोरम व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुहार लगाने पहुँच रहे हैं और वहाँ से उन्हें न्याय मिल रहा है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
डेढ़ साल से बीमा कंपनी में संपर्क कर रहा था पॉलिसी धारक
जानकी नगर उखरी निवासी भजन लाल दुबे ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पॉलिसी ले रखी है। वर्ष 2021 में कोरोना हो गया था। इलाज के लिए उन्हें नागपुर के निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। वहाँ पर बीमा कंपनी का कैशलेस कार्ड अस्पताल में दिया गया तो बीमा अधिकारियों ने बिल सबमिट करने पर भुगतान करने का दावा किया था। बीमित ने अपने पास से इलाज के
1 लाख 90 हजार रुपए अस्पताल में जमा किए थे। स्वस्थ होने के बाद बीमित ने जब इलाज के पूरे बिल बीमा कंपनी में सबमिट किए तो पहले तो अनेक प्रकार की क्वेरी निकाली गईं। बीमित को दोबारा सत्यापित दस्तावेज जमा करना पड़े थे। क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्यों ने जल्द भुगतान का दावा किया था और दावे के अनुसार क्लेम सेटल करते वक्त बिलों में कटौती कर दी। बीमित ने कई बार पूछा पर किसी तरह का जवाब बीमा अधिकारियों के द्वारा नहीं दिया जा रहा था। परेशान होकर बीमित ने कंज्यूमर कोर्ट में केस किया और नोटिस जारी होने के बाद स्टार हेेल्थ के अधिकारी मामले में सेटलमेंट करने का दबाव बना रहे हैं।
Created On :   19 Sept 2022 4:41 PM IST