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मानसून के आगमन के साथ खरीफ फसलों की बुआई शुरू
डिजिटल डेस्क, वर्धा। मानसून के आते ही किसानों ने खरीफ फसल की बुआई शुरू कर दी है। पिछली बार सोयाबीन को दाम नहीं मिलने से इस बार किसानों का रूझान कपास की ओर दिखाई दे रहा है और वे इसे प्राथमिकता दे रहे हैं। 12 जून तक जिले में 11 हजार 409 हेक्टेयर में बुआई किए जाने की जानकारी है। बुआई को लेकर वर्धा तहसील व आष्टी शहीद तहसील के किसान पीछे हैं जबकि समुद्रपुर तहसील के किसान पहले नंबर पर हैं। समुद्रपुर तहसील में 4 हजार 822 हेक्टेयर में बुआई पूरी हो गई है। इसके आधार पर जिले में 12 जून तक 11409 हेक्टेयर पर खरीफ फसल की बुआई की गई।
आर्वी तहसील में 392 हेक्टेयर, आष्टी शहीद तहसील में 85 हेक्टेयर, कारंजा घाडग़े तहसील में 140 हेक्टेयर, वर्धा तहसील में 75 हेक्टेयर, सेलू तहसील में 2 हजार हेक्टेयर, देवली तहसील में 345 हेक्टेयर, हिंगणघाट तहसील में 3 हजार 550 हेक्टेयर तथा समुद्रपुर तहसील में 4 हजार 822 हेक्टेयर पर खरीफ फसल की बुआई की गई है। जिले में ज्वार बुआई का औसतन क्षेत्र 3 हजार 769 है। इसमें नियोजित क्षेत्र 1100 हेक्टेयर होकर अभी तक आष्टी तहसील में 10 हेक्टेयर पर ज्वार की बुआई हुई है।
जिले में तुअर के बुआई का क्षेत्र 74 हजार 573 है। इसमें नियोजित क्षेत्र 69 हजार 500 होकर आर्वी में 35 हेक्टेयर, आष्टी में 12 हेक्टेयर, सेलू में 500 हेक्टेयर, हिंगणघाट में 300 हेक्टेयर, समुद्रपुर में 247 हेक्टेयर कुल 1094 हेक्टेयर पर तुअर की बुआई की गई है। जिले में सोयाबीन का औसतन क्षेत्र 1 लाख 56 हजार 707 हेक्टेयर है। इसमें से 1 लाख 17 हजार नियोजित क्षेत्र है। जिसमें जिले में अभी तक आर्वी तहसील में 52 हेक्टेयर, समुद्रपुर तहसील में 1 हजार 484 हेक्टेयर कुल 1 हजार 536 हेक्टेयर पर बुआई हुई है। वही कपास का औसतन क्षेत्र 2 लाख 42 हजार 3 है, जिसमें नियोजित क्षेत्र 2 लाख 26 हजार 363 है। अभी तक जिले के आर्वी तहसील में 305 हेक्टेयर, आष्टी तहसील में 85 हेक्टेयर, कारंजा घाडग़े में 140 हेक्टेयर, देवली तहसील में 345 हेक्टेयर, वर्धा तहसील में 75 हेक्टेयर, सेलू तहसील में 1500 हेक्टेयर, हिंगणघाट तहसील में 3 हजार 250 हेक्टेयर तथा समुद्रपुर तहसील में 19 हेक्टेयर यानि कुल 8 हजार 284 हेक्टेयर पर कपास की बुआई हुई है।
2 लाख 26 हजार 363 हेक्टेयर क्षेत्र में लगाई जा सकती है कपास
जिले के 8 तहसील में खरीफ फसल के दौरान सभी फसल मिलाकर 4 लाख 15 हजार 738 हेक्टेयर में बुआई होने का अनुमान है। औसतन 4 लाख 39 हजार 880 हेक्टेयर क्षेत्र पर फसल बोई जाती है। कपास की फसल 2 लाख 26 हजार 363 हेक्टेयर में ओने का अनुमान है जबकि सोयाबीन की फसल 1 लाख 17 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोई जा सकती है। कपास व सोयाबीन के अलावा तुअर की फसल 69 हजार 500 हेक्टेयर, मुंग की फसल 400 हेक्टेयर, उड़द की फसल 700 हेक्टेयर, ज्वार की फसल 1 हजार 100 हेक्टेयर, मूंगफली की फसल 675 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई होने का अनुमान है।
Created On :   13 Jun 2018 8:36 AM GMT