बालगृह खोलने को लेकर सरकार गंभीर, सख्त होंगे नियम : मुंडे

State government serious about opening of childrens home
बालगृह खोलने को लेकर सरकार गंभीर, सख्त होंगे नियम : मुंडे
बालगृह खोलने को लेकर सरकार गंभीर, सख्त होंगे नियम : मुंडे

डिजिटल डेस्क,नागपुर। सरकारी अनुदान पाने के लिए दिनों-दिन बढ़ रहे बालगृहों के मामलों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकारी अनुदान लेने के लिए खुल रहे बालगृहों के नियमों को सख्त करने व ईमानदारी से काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को अधिक मदद देने की जानकारी महिला व बालविकास मंत्री पंकजा मुंडे ने दी है।   मुंडे का कहना है कि बालगृहों के अलावा  पालनाघर के मामले में सरकार को चूना लगाने का मामला देखा गया है । बच्चों को आश्रय दिए बिना ही कुछ संस्थाएं सरकार से अनुदान लेने लगती हैं। ऐसे बालगृहों पर निगरानी के लिए नियमों में सुधार किया जाएगा।   मुंडे ने यह भी कहा है कि बालगृहों के लिए ईमानदारी से काम करनेवाली स्वयंसेवी संस्थाओं को आर्थिक अड़चनों का सामना करना पड़ता है। ऐसी संस्थाओं को अधिक मदद देने पर भी विचार किया जाएगा। 
यह है प्रावधान
मंत्री मुंडे के अनुसार महिला व बाल विकास विभाग की ओर से बाल न्याय संरक्षण अधिनियम 2015 के प्रावधान के अनुसार, स्वयंसेवी संस्था को बालगृह चलाने की मंजूरी दी जाती है। पंजीयन प्रमाण पत्र दिया जाता है। संबंधित जिले की बाल कल्याण समिति के आदेश पर बालकों को बालगृह में प्रवेश दिया जाता है। बालगृह में 18 वर्ष तक के बच्चों को संरक्षण दिया जाता है। इनमें अनाथ, निराश्रित, विशेष सहायता के लिए जरुरतमंद, एड्स बाधित, संकटग्रस्त व अत्याचार पीड़ित बच्चों का समावेश रहता है। इन्हें भोजन, वस्त्र, आवास, चिकित्सा सेवा, मनोरंजन, समुपदेशन, शिक्षा व प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है। उनके पुनर्वसन का प्रयास किया जाता है। 
1105 शासकीय व स्वयंसेवी अनुदानित संस्थाएं 
राज्य में महिला व बाल विभाग के अंतर्गत संरक्षण के लिए विधि संघर्षग्रस्त बालकों के लिए शासकीय व स्वयंसेवी अनुदानित संस्थाएं 1105 हैं। इनमें 91344 बच्चों को प्रवेश दिया जा सकता है। इसमें में शासकीय 43 संस्थाओं में 3890 व 1062 स्वयंसेवी संस्थाओं में 87454 को प्रवेश दिया जाता है। स्वयंसेवी संस्था को प्रतिमाह प्रति बालक 1215 रुपये मानधन दिया जाता है। 

 

Created On :   25 Dec 2017 2:50 PM IST

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