ईओडब्ल्यू ने शुरू की जांच, विशेष टीम गठित

Stationery scam : EOW started investigation, special team constituted
ईओडब्ल्यू ने शुरू की जांच, विशेष टीम गठित
स्टेशनरी घोटाला ईओडब्ल्यू ने शुरू की जांच, विशेष टीम गठित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा में स्टेशनरी घोटाला की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जाने लगी है। इस प्रकरण को लेकर सत्ताधारी भाजपा को भी घेरने का प्रयास किया जा रहा है। प्रकरण की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी। कांग्रेस के विधायक विकास ठाकरे ने उच्च स्तरीय समिति गठित कराने की मांग के साथ ही मनपा को बर्खास्त करने का निवेदन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से किया है। गौरतलब है कि, मनपा में 67 लाख का स्टेशनरी घोटाला चर्चा में है। इस प्रकरण में 4 कर्मचारियों के अलावा अन्य आपूर्तिकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। मनोहर साकोरे नामक आपूर्तिकर्ता के बारे में शिकायत है कि, उसने कोरोना संकट के समय कोई भी सामग्री दिए बिना उसका बिल निकाल लिया। स्वास्थ्य विभाग के अलावा जन्म-मृत्यु विभाग, शिक्षा व सामान्य प्रशासन विभाग में इसी ठेकेदार ने स्टेशनरी की आपूर्ति की है। करीब 40 वर्ष से यही ठेेकेदार सामग्री की आपूर्ति कर रहा है। साफ लग रहा है कि, इस प्रकरण में ठेकेदार के साथ अधिकारी मिले हुए हैं। 

इससे पूर्व सामने आया था खेल सामग्री घोटाला

यह आपूर्ति केवल मनपा मुख्यालय की है। मनपा में 10 जोन हैं, वहां भी बड़े स्तर पर स्टेशनरी खरीदी जाती है। इससे पहले मनपा में खेल घोटाला चर्चा में था। नंदलाल कमेटी के माध्यम से जांच कराई गई थी। उस दौरान नगरसेवकों को जेल यात्रा भी करनी पड़ी थी। आरोप है कि, 15 वर्ष तक सत्ता में रहते हुए भाजपा के कुछ नेताओं ने ठेकेदार के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया है। विधायक ठाकरे मनपा में महापौर भी रहे हैं। वे मनपा की बस संचालन सेवा के बारे में भी सवाल उठाते रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि, इस प्रकरण को लेकर कांग्रेस मनपा चुनाव में भाजपा के विरोध में कैंपेन करेगी।

भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को ही जांच की जवाबदारी

सामाजिक कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे ने इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच कराने का निवेदन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से किया है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में जबलपुरे ने कहा है कि, स्टेशनरी घोटाला सामने आने पर इसकी आरंभिक जांच के लिए मनपा के ही अधिकारियों को जवाबदारी दी गई है। इस प्रकरण में अधिकारी भी लिप्त हैं। एेसे में कैसे दावा किया जा सकता है कि, भ्रष्टाचार में लिप्त लोग भ्रष्टाचार के िवरोध में सही जांच कर पाएंगे। जबलपुरे के अनुसार इस प्रकरण में लीपा-पोती के प्रयास भी शुरू होने लगे हैं। 

मनपा में पहुंचकर खंगाले दस्तावेज 

मनपा की कार्यप्रणाली का कच्चा-चिट्ठा खोलने वाले स्टेशनरी घोटाला दिन-ब-दिन गंभीर मोड़ लेता जा रहा है। शनिवार को सदर पुलिस ने इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी है। जांच की जिम्मेदारी मिलते ही ईओडब्ल्यू ने इसके लिए विशेष टीम का गठन कर जांच शुरू कर दी है। जिम्मा संभालते ही टीम शनिवार को मनपा मुख्यालय पहुंची। मनपा मुख्यालय में पहुंचकर दस्तावेजों की छानबीन की है। दस्तावेज साथ में ले जाने की जानकारी भी है। ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू करते ही मनपा अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गई हैं। माना जा रहा है कि, इस घोटाले में मनपा के कई बड़े अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं। इसे देखते हुए ही मामला ईओडब्ल्यू को सौंपे जाने की चर्चा है। मनपा में खेल सामग्री घोटाले के बाद स्टेशनरी घोटाला सबसे बड़ा माना जा रहा है। प्राथमिक स्तर पर ही इसे करोड़ों में आंका जा रहा है। फिलहाल इसकी कड़ियां जोड़ने का काम शुरू है। इस प्रकरण में अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। चार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पांचवां आरोपी लेखा अधिकारी राजेश मेश्राम 28 िदसंबर तक पुलिस कस्टडी में है। प्रकरण में मनपा के मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी विजय कोल्हे और सामान्य प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त महेश धामेचा भी रडार पर हैं। मामले में इनकी भी जांच शुरू है। 

Created On :   26 Dec 2021 4:03 PM IST

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