हाईकोर्ट : डिजिटल मनोरंजन एप पर धडल्ले से परोसी जा रही नग्नता, अभिनेत्री से छेड़छाड़ मामले में व्यापारी की सजा पर रोक

Stay on punishment to businessman in molestation case of actress - HC
हाईकोर्ट : डिजिटल मनोरंजन एप पर धडल्ले से परोसी जा रही नग्नता, अभिनेत्री से छेड़छाड़ मामले में व्यापारी की सजा पर रोक
हाईकोर्ट : डिजिटल मनोरंजन एप पर धडल्ले से परोसी जा रही नग्नता, अभिनेत्री से छेड़छाड़ मामले में व्यापारी की सजा पर रोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म के तहत आनेवाले नेटफिल्क्स, हाटस्टार व एमेजोन प्राइम जैसे माध्यमों पर नियंत्रण की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि डिजिटल एंटरटेनमेंट बड़े पैमाने पर अश्लीलता, फुहड़ता व नग्नता धडल्ले से परोसी जा रही है। यहां क्रूरता व हिंसा भी बेरोटटोक दिखाई जा रही है। इसलिए वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म को सिनेमेटोग्राफी एक्ट के अंतगर्त लाकर इस पर अंकुश लगाया जाए। क्योंकि डिजिटल मीडिया में दिखाई जा रही सामाग्री से युवाओं के मानस पटल पर विपरीत असर पड़ रहा है। बिना किसी काटछाट के वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म  पर वेब सीरिज व दूसरी समाग्री परोसी जा रही है। जो युवाओं के मन में कम उम्र में विकारों को पैदा कर रही हैं। इसलिए इस पर अंकुश लगाया जाना जरुरी है। गैर सरकारी संस्था नरसीमा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से दायर की गई इस याचिका में दावा किया गया है कि डिजिटल मीडिया में प्रदर्शित की जानेवाली सामाग्री में न तो कोई चेतावनी लिखी होती है और न ही इसके लेकर कोई सर्टिफिकेट जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि जैसे सिनेमा हॉल में प्रदर्शित की जानेवाली फिल्मों के सेंसरसिप के लिए व्यवस्था है, वैसी ही व्यवस्था डिजिटल मीडिया में दिखाई जानेवाली सामाग्री के लिए भी की जाए। याचिका में संस्था ने साफ किया है कि वे किसी कलाकार की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ नहीं हैं। याचिका में मांग की गई है कि इस विषय को लेकर सेंसर बोर्ड के सेवानिवृत्त चेयरमैन अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाए। ताकि इस बात का पता लगाया सके कि वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म पर दिखाई जा रही सामाग्री से किन नियमों का उल्लंघन हो रहा है। कमेटी को कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा जाए। याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई हो सकती है। 

 

अभिनेत्री से छेड़छाड़ मामले में व्यापारी की सजा पर रोक

पुरुष जब महिला को स्पर्श करता है अथवा उसे देखता है तो महिला उसके आशय को जानती है। यह बात कहते हुए बांबे हाईकोर्ट ने फिल्म ‘दंगल’ की नाबालिग अभिनेत्री के साथ छेड़खानी के मामले में दोषी पाए गए कारोबारी विकास सचदेव को सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी है। दो महीने पहले निचली अदालत ने सचदेव को इस मामले में दोषी ठहराते हुए उसे तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके खिलाफ सचदेव ने हाईकोर्ट में अपील की है। मंगलवार को यह अपील न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण के सामने सुनवाई के लिए आयी। अपील को विचारार्थ मंजूर करते हुए आरोपी को सुनाई गई सजा को निलंबित कर दिया और उसे जमानत प्रदान कर दी। इससे पहले निचली अदालत ने आरोपी को सिर्फ तीन महीने के लिए जमानत प्रदान की थी ताकि वह हाईकोर्ट में अपील कर सके। आरोपी पर दिसंबर 2017 में विमान में अभिनेत्री के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप था। घटना के समय फिल्म अभिनेत्री नाबालिग थी। 

सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील अनिकेत निकम ने कहा कि मेरे मुवक्किल को इस मामले में दोषी ठहराने का निर्णय खामीपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि यदि सफर के दौरान मेरे मुवक्किल का पैर अभिनेत्री को लग गया होगा तो वह गलती से हुआ होगा। मेरे मुवक्किल ने अभिनेत्री को किसी गलत इरादे अथवा परेशान करने के आशय से नहीं छुआ था। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी अपनी आगे की सीट तक पैर फैलाकर क्यों बैठा था। न्यायमूर्ति ने कहा कि महिला भले कम जाने पर वह समझती ज्यादा हैं। यह समझ उसे प्राकृतिक रुप से मिला हैं। इसलिए जब कोई पुरुष महिला को स्पर्श करता है अथवा देखता है तो वह उसके आशय को जान जाती है। इस तरह के प्रकरण में सिर्फ पीड़िता ही इस बात को बयान कर सकती है कि आरोपी ने उसे किस इरादे से छुआ था। क्योंकि आरोपी कभी इस बात को स्वीकार नहीं करेगा कि उसने पीड़िता को जानबूझकर छूआ था। न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी बिजनेस क्लास में यात्रा कर रहा था जहां काफी जगह होती है, ऐसे में उसे दूसरे की सीट पर पैर फैलाने की क्या जरुरत थी। 

आरोपी के वकील ने कहा कि पीड़िता ने मेरे मुवक्किल के संबंध में विमान के चालक दल से कोई शिकायत नहीं की थी। वह जब वहां से निकली तो मुस्कुराते हुए निकली। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि छेड़छाड की घटना को लेकर महिला किस तरह की प्रतिक्रिया देगी इसको लेकर कोई तय फार्मूला नहीं हैं। अक्सर महिलाएं ट्रेन व बस में इस तरह की घटनाओं का शिकार होती हैं। यह बात कहते हुए न्यायमूर्ति ने आरोपी की अपील को विचारार्थ मंजूर कर लिया। इसके साथ ही आरोपी को 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी। अदालत ने कहा कि आरोपी न्यायालय की अनुमति के बिना मुंबई छोड़कर न जाए। 
 

Created On :   3 March 2020 2:53 PM GMT

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