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ऑपरेशन डॉग, 3 माह में 1351 श्वानों की नसबंदी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में श्वानों का भारी ‘आतंक’ है। पिछले दिनों पालकमंत्री के जनता दरबार में मनपा के सभी 10 जोन में यह समस्या प्रमुख थी। चूंकि न्यायालय के निर्देशानुसार श्वानों को शहर से बाहर नहीं छोड़ सकते, लिहाजा श्वानों की नसबंदी का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इससे आम नागरिकों को राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है। तीन माह में 1351 श्वानों की नसबंदी की गई है।
समय-समय पर होती है नसबंदी
श्वानों की नसबंदी समय-समय पर होती रहती है। इसमें शासकीय पशु महाविद्यालय एवं निजी संस्थाओं द्वारा कार्यक्रम चलाया गया है, लेकिन अल्प समय के होने के कारण बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा। अब मनपा ने टेंडर बुलाकर यह काम निजी एजेंसी को दिया गया है। सबसे पहले गांधीबाग और सतरंजीपुरा एरिया के श्वानों की नसबंदी की जा रही है, क्योंकि यहां से सबसे अधिक शिकायतें की गईं थी। इससे एक ओर जोन में विभिन्न जगह से श्वानों को पकड़कर उनकी नसबंदी की जा रही है वहीं जहां से शिकायतें अधिक आ रही है वहां भी विशेष रूप से कार्रवाई की जार ही है।
वापस वहीं छोड़ेंगे
न्यायालय के निर्देशानुसार श्वानों को शहर के बाहर नहीं छोड़ सकते हैं। इस वजह से नसबंदी करने के बाद वापस उन्हें वहीं छोड़ेंगे। जानकारों का ऐसा मानना है कि नसबंदी के बाद श्वानों की आक्रामकता कम होगी और लोगों को राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है श्वानों के आतंक से नाइट शिफ्ट में काम करने वालों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ती है। रात के वक्त सूनसान मार्ग पर घर लौटते वक्त अक्सर श्वान लोगों के वाहनों के पीछे दौड़ने लगते हैं। श्वानों का आतंक रात में इस कदर रहता है कि कुछ लोग रात के वक्त निकलते समय डंडा, लाठी या फिर पत्थर लेकर चलते हैं। श्वानों से परेशान ऐसे लोगों को भी अब राहत मिलेगी।
वर्ष नसबंदी के आंकड़े
2006-07 17171
2007-08 26503
2008-09 7187
2009-10 5742
2010-11 2197
2011-12 37
2012-13 नहीं हुआ
2013-14 नहीं हुआ
2014-15 7424
2015-16 2836
2016-17 70
2017-18 355
2018-19 1745 (भांडेवाड़ी)
Created On :   3 May 2019 12:52 PM IST