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वेतन वृद्धि के बाद भी एसटी कर्मचारियों की हड़ताल कायम
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार के वेतन बढ़ोतरी के फैसले के बाद भी एसटी कर्मचारी हड़ताल पर अड़े हुए हैं। गुरुवार को एसटी कर्मचारियों ने मुंबई के आजाद मैदान समेत राज्य के अलग-अलग एसटी के डिपो में हड़ताल जारी रखी। एसटी के 82 हजार 561 हड़ताल में शामिल रहे। जबकि 9 हजार 705 कर्मचारियों ने सेवाएं दी। हड़ताल में शामिल एसटी के कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सरकार एसटी महामंडल का राज्य सरकार में विलय नहीं करती है तब तक लड़ाई जारी रहेगी। वहीं आजाद मैदान में बीते 16 दिनों से जारी आंदोलन को समर्थन देने वाले भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और रयत क्रांति संगठन के अध्यक्ष सदाभाऊ खोत ने अस्थायी रूप से हड़ताल को वापस ले ली है। दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार ने वेतन वृद्धि की घोषणा की है इसलिए हम आंदोलन से दो कदम पीछे खींच रहे हैं। यदि कर्मचारी आंदोलन जारी रखना चाहते हैं तो वह आंदोलन को कामय रख सकते हैं। पडलकर और खोत के हटने के बाद भी एसटी कर्मचारी हड़ताल के लिए बैठे हुए हैं। आंदोलन में शामिल कर्मचारियों से एसटी कर्मचारी संगठन के अधिवक्ता गुणरत्न सदावरते से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा। कोल्हापुर के डिपो में कर्मचारियों ने एसटी महामंडल के विलीनीकरण के फैसले होने तक काम पर न लौटने की सामूहिक शपथ ली। जबकि भंडारा के साखोली, नाशिक, सागंली, रायगड, ठाणे, पुणे, सातारा, पालघर, रत्नागिरी, कोल्हापुर के कुछ डिपो में एसटी बसों का परिचालन हुआ। इस बीच प्रदेश के परिवहन मंत्री तथा एसटी महामंडल के अध्यक्ष अनिल परब ने कहा कि वेतन बढ़ोतरी के बाद भी जो कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे उन्हें एसटी प्रशासन की सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। परब ने कहा कि शुक्रवार सुबह जो निलंबित कर्मचारी काम पर लौटेंगे उनका निलंबन वापस ले लिया जाएगा लेकिन काम पर न लौटने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एकदम कठोर कार्रवाई की जाएगी। परब ने एसटी हड़ताल के संबंध में सरकार की ओर से उठाए गए कदम की जानकारी राज्य मंत्रिमंडल को दी। इस बीच गुरुवार को दिन भर में एसटी की 347 बसों में 8 हजार 940 यात्रियों ने सफर किया।
Created On :   25 Nov 2021 9:42 PM IST