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केवल 2 को छोड़ बाकी दिहाड़ी कर्मी नौकरी से धो बैठे हाथ
डिजिटल डेस्क, वर्धा। पिछले 29 दिन से रापनि कर्मचारियों का राज्य शासन में विलीनीकरण की मांग को लेकर हड़तार जारी है। जिसके चलते अब तक वर्धा विभाग में कार्यरत 61 में से 57 कर्मियों की सेवा समाप्त की गई है। जिसमें से दो कर्मचारी काम पर लौटे हैं एवं अन्य दो कर्मचारियों के बारे में फैसला आना बाकी है। बता दे कि राज्य शासन में विलीनीकरण की मांग को लेकर रापनि कर्मचारियों का डिपो के सामने निरंतर 29 दिनों से आंदोलन शुरू है। आने वाली 27 नवंबर को इस आंदोलन को पूरा एक माह होने वाला है। बावजूद इसके रापनि कर्मचारियों द्वारा की जा रही मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन का नतीजा आना शेष है। इसके विपरीत रापनि विभाग द्वारा सख्त रवैया अपनाते हुए विभाग में कार्यरत 1 हजार 650 कर्मचारियों में से अब तक 61 कर्मचारियों का निलंबर और कुल ६१ दिहाड़ी कर्मचारियों में से अब तक 57 की सेवा समाप्त की गई है। रापनि कर्मचारियों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए विविध तरीके आजमा रही है। बावजूद इसके रापनि कर्मी कोई भी बीच के मार्ग को अपनाने को तैयार नहीं है, उनका कहना है कि जब तक रापनि को राज्य शासन में शामिल नहीं किया जाएगा तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन कर रहे कर्मचारी द्वारा बीच के रास्ते को पसंद नहीं करने से आंदोलन आगे और भी कई दिन तक चलने की संभावना है। जिसके चलते यात्रियों को रापनि सेवा सुचारु होने का इंतजार करना पड़ सकता है।
कर्मचारियों से की जा रही बात : चल रहे आंदोलन के चलते रापनि की सेवा प्रभावित हो गई है। शुरुआत से ही हम सभी कर्मचारियों से लगातार बातचीत कर काम पर लौटने के लिए कहा जा रहा है। परंतु कर्मचारी काम पर लौटने को तैयार नहीं है जिसके चलते अब तक 57 दिहाड़ी कर्मचारियों की सेवा समाप्त किए जाने की जानकारी चेतन हसबनीस, विभागीय नियंत्रक, रापनि वर्धा ने दी है।
विलय की मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
आंदोलन पंडाल में आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि, प्रशासन बीच का मार्ग निकाल रही है। हमें नए-नए प्रलोबन दे रही है परंतु हमारी मांग एक ही है कि रापनि को राज्य शासन में विलीनीकरण किया जाए अन्यथा आंदोलन मांग पुरी होने तक जारी रहेगा।
Created On :   26 Nov 2021 7:29 PM IST