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PG में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को गांव के हॉस्पिटल में करना होगा काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा के लिए ग्रामीण इलाकों में सेवा की अनिवार्यता का पालन करना ही होगा। कम से कम एक साल तक ग्रामीण इलाके में सेवा देनी होगी। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। राज्य में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में MBBS और BDS कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल में एक साल तक सेवा देने के अनुबंध का पालन नहीं होने पर MD, MS PG के लिए नहीं दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में स्टूडेंट नीट पीजी एडमिशन परीक्षा भी नहीं दे पाएंगे।
इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर्स की संख्या कम
राज्य सरकार के पुराने निर्णय के अनुसार, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में MBBS और BDS कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को अस्पताल में एक वर्ष तक अनुबंध आधारित सेवा देना पड़ता है। उससे मेडिकल सेवा के लिए डॉक्टर्स उपलब्ध हो पाते हैं। लेकिन कुछ स्टूडेंट अनुबंधित सेवा पूरी न करते हुए सीधे MD, MS जैसी PG डिग्रियों के लिए कोर्स में एडमिशन पा लेते हैं। अनुबंधित सेवा स्नात्तकोत्तर पाठ्यक्रम के बाद करते हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की संख्या कम रहती है।
विभाग का फैसला
लिहाजा राज्य सरकार के स्वास्थ्य शिक्षा और औषधि द्रव विभाग ने नया निर्णय लिया है। नये निर्णय के अनुसार, राज्य में सरकारी महाविद्यालयों के MBBS और BDS कोर्स पूर्ण करने वाले स्टूडेंट्स को अनुबंध के अनुसार सेवा सरकारी अस्पताल में देनी होगी। उसके बाद स्नात्तकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए एडमिशन के पात्र ठहराये जाएंगे। इसके अलावा सरकारी महाविद्यालयों से एमडी, एमएस पाठ्यक्रम पूरा करनेवाले प्रशिक्षणार्थी चिकित्सक सरकारी अस्पताल में अनुबंधित सेवा पूर्ण किये बिना अति विशेषोपचार पाठ्यक्रम में एडमिशन के पात्र नहीं रहेंगे।
Created On :   22 Oct 2017 7:14 PM IST