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अधिकारियों की गलती से छात्रों को नहीं मिला गणवेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला परिषद स्कूल के ओबीसी तथा खुले वर्ग के छात्रों को गणवेश नहीं मिलेंगे। अगले शैक्षणिक सत्र में एक साथ दो साल के गणवेश दिए जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में प्रशासन के नियोजन में गड़बड़ी के चलते गणवेश वितरण नहीं हो पाया। शैक्षणिक सत्र समाप्त होने में चंद दिन बचे हैं। इसलिए अब अगले शैक्षणिक सत्र में एक साथ साल 2021-2022 और 2022-2023 के गणवेश वितरण करने का प्रशासन ने निर्णय लिया है।
इसलिए चूका नियोजन
वित्तीय वर्ष 2021-2022 में ओबीसी और खुले वर्ग के छात्रों को गणवेश देने के लिए बजट में 45 लाख रुपए निधि का प्रावधान किया गया। सेस फंड से गणवेश योजना के लिए पात्र विद्यार्थी संख्या 13000 थी। प्रति गणवेश 300 रुपए के हिसाब से 39 लाख रुपए खर्च हुआ। इसलिए शैक्षणिक सत्र 2021-2022 के बजट में निधि का प्रावधान घटाकर 40 लाख रुपए किया गया। तहसील स्तर से ओबीसी और खुले वर्ग के विद्यार्थियों के आंकड़े मंगवाने पर पता चला 16 हजार 666 है। एक गणवेश के लिए 300 रुपए खर्च करने पर 49 लाख, 99 हजार 800 रुपए खर्च अपेक्षित है। निधि कम पड़ने से पुनर्विनियोजन करना पड़ा। इससे पहले 40 लाख रुपए की फाइल बनकर तैयार हो गई थी। निधि बढ़ाने के लिए पुनर्विनियोजन कर नए सिरे से फाइल तैयार की गई। उसे मंजूरी के लिए वित्त विभाग के पास भेजी गई। प्रशासकीय प्रक्रिया पूरी करने में शैक्षणिक सत्र समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया। स्कूल को गर्मी की छुट्टियां लगने से पहले प्रक्रिया पूरी होना संभव नहीं रहने से आखिरकार अगले शैक्षणिक सत्र में एक साथ दो गणवेश देने का प्रशासन ने निर्णय लिया है।
पत्र में दिए गए निर्देश पंचायत समिति स्तर पर निधि हस्तांतरण किए जाने से प्रशासन ने पत्र जारी कर स्कूल प्रबंधन कमेटियों से अगले शैक्षणिक सत्र में साल 2021-2022 और साल 2022-2023 के गणवेश एक साथ खरीदी करने का नियोजन करने के निर्देश दिए हैं। जिला परिषद प्रशासन के पत्र जारी करने से साफ हो गया है कि इस शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को गणवेश नहीं मिलना तय है
जिला परिषद में सत्ता परिवर्तन के बाद हुई योजना की शुरुआत
जिप स्कूल के अनुसूचित जाति, जनजाति तथा गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले छात्रों तथा सभी छात्राओं को समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शैक्षणिक सत्र में दो गणवेश दिए जाते हैं। ओबीसी तथा खुले वर्ग के छात्रों को गणवेश का लाभ नहीं मिलता। गणवेश से वंचित विद्यार्थियों में हीन भावना उत्पन्न होकर मानसिक परिणाम हो सकता है। इस खतरे को भांपकर जिला परिषद में सत्ता परिवर्तन के बाद ओबीसी तथा खुले वर्ग के छात्रों को जिला परिषद सेस फंड से हर साल एक गणवेश देने की शुरुआत की गई। पहले साल गणवेश वितरण किया गया। इस वर्ष गणवेश वितरण का नियोजन चूक जाने से छात्रों को निराशा हुई।
Created On :   25 April 2022 5:22 PM IST