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छात्रसंघ चुनाव न होने से छात्रों में आक्रोश, शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी समेत राज्यभर की गैर-कृषि यूनिवर्सिटी में करीब 22 साल बाद ओपन स्टूडेंट इलेक्शन को मंजूरी मिली है, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। राज्य में दिसंबर 2016 विधानमंडल सत्र में नया यूनिवर्सिटी अधिनियम पारित हुआ है।
गौरतलब है कि 1 मार्च से नागपुर यूनिवर्सिटी समेत राज्यभर के गैर-कृषि विश्वविद्यालयों के लिए यह अधिनियम लागू हुआ। इसमें छात्रसंघ चुनावों का भी प्रावधान है। एक ओर जहां विश्वविद्यालयों में सीनेट से लेकर अन्य प्राधिकरणों के चुनाव तय हो चुके, छात्रसंघ चुनावों का दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं है। पुराने अधिनियम के तहत जो चुनाव होते थे, अब वो भी नहीं हो रहे है। अब छात्र संगठनों का गुस्सा फूटने लगा है।
ऐसे होने है चुनाव
लिंगडोह समिति और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद अब विश्वविद्यालय अधिनियम में भी छात्रसंघ चुनावों को जगह दी गई है। इसमें कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर विद्यार्थी चुनाव होंगे। इसमें अध्यक्ष, सचिव, महिला प्रतिनिधि, आरक्षित वर्ग प्रतिनिधियों के लिए चुनाव होंगे। इसमें विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों का चयन 4 महाविद्यालय प्रतिनिधि करेंगे। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और बगैर राजनीतिक दखल के पूरी करानी है।
महत्वपूर्ण होती है विद्यार्थी प्रतिनिधि की भूमिका
विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनावों की अहमियत है। चुने हुए विद्यार्थी प्रतिनिधि विश्वविद्यलय के सीनेट, बोर्ड ऑफ स्टडीज और अन्य प्रधिकरणों पर रहेंगे और नीतियों के निर्धारण में इनका भी अपना महत्व होगा। नए अधिनियम में विद्यार्थी कल्याण की कई योजनाएं प्रस्तावित हैं। इसमें विद्यार्थी विकास मंडल, विद्यार्थी शिकायत निवारण सेल, खेल व शारीरिक शिक्षा मंडल का गठन किया जाएगा। इसमें विद्यार्थी प्रतिनिधियों की अहम भूमिका होगी।
NSUI ने की चुनाव की मांग, तावड़े का पुतला फूंका
नागपुर विश्वविद्यालय में सीनेट चुनावों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन विद्यार्थी चुनावों की घोषणा नहीं होने से विद्यार्थी संगठन नाराज हैं। NSUI ने इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को महाराजबाग चौक स्थित नागपुर विश्वविद्यालय के गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया। संगठन ने युवक कांग्रेस महासचिव कुणाल राऊत और अजित सिंह के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े का पुतला जलाया। संगठन के अनुसार विद्यार्थी चुनाव नहीं होने से विद्यार्थी हित से जुड़ी नीतियों और योजनाओं में विद्यार्थियों का सहभाग नहीं होता। संगठन ने जल्द से जल्द छात्रसंघ चुनाव आयोजित कराने की मांग की है।
Created On :   26 Oct 2017 1:36 PM IST