3334 सीटों को इंजीनियरिंग छात्रों का इंतजार, वीएनआईटी में 124 सीटें खाली

Students waiting for engineering seats, 124 seats left in vnit
3334 सीटों को इंजीनियरिंग छात्रों का इंतजार, वीएनआईटी में 124 सीटें खाली
3334 सीटों को इंजीनियरिंग छात्रों का इंतजार, वीएनआईटी में 124 सीटें खाली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षा के बदलते ट्रेंड के बीच विद्यार्थियों का इंजीनियरिंग से मोह भंग हो रहा है। बीते कुछ वर्षों से संभ्रांत इंजीनियरिंग कॉलेजों को छोड़ कर निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में बड़ी संख्या में सीटें खाली जा रही हैं। लेकिन इस वर्ष खाली सीटों का यह साया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ट्रिपल आईटी और अनुदानित तकनीकी शिक्षा संस्थानों पर भी छाया है। ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी के आंकड़ों के अनुसार प्रवेश के 7 राउंड पूरे होने के बाद विश्वेश्वरैया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीएनआईटी) सहित देश भर के एनआईटी में कुल 3,334 सीटें खाली रह गई हैं। अकेले वीएनआईटी में 124 सीटें खाली रह गईं। देश के ट्रिपल आईटी में 1,466 और अनुदानित तकनीकी शिक्षा संस्थानों में 2,664 सीटें खाली हैं। इन्हें विशेष कैप राउंड से इसे भरने की अनुमति दी गई है। देश भर में  31 एनआईटी,  25 आईटी  और 28 अनुदानित तकनीकी शिक्षा संस्थान है।  मामले में प्रतिक्रिया लेने के लिए वीएनआईटी संचालक डॉ. प्रमोद पडोले से संपर्क किया गया, उन्होंने फोन का उत्तर नहीं दिया। 

दूर हो रहे विद्यार्थी  

बता दें कि इन संस्थानों में जेईई मेन्स परीक्षा के स्कोर के आधार पर प्रवेश दिए जाते हैं। इस वर्ष देश भर में 2 लाख 45 हजार विद्यार्थियों ने मेन्स उत्तीर्ण की थी। लेकिन महज 2 लाख 15 हजार 861 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश के लिए पंजीयन कराया। इसके बाद कैप राउंड की शुरुआत हुई थी। 7 राउंड पूरे होने के बाद उक्त संस्थानों में बड़े पैमाने पर वैकेंसी रह गई। बता दें कि निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी बड़ी संख्या में सीटें खाली जा रही हैं। प्लेसमेंट न मिलना इसमें एक मुख्य कारण है।  एआईसीटीई के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि देशभर में करीब 3100 अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग संस्थान है। वर्ष 2018 में इनमें करीब 14 लाख का इनटेक था। इनमें करीब 7 लाख 15 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। इसमें से करीब 3 लाख 38 हजार विद्यार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट मिल सका था।


 

Created On :   30 July 2019 8:33 AM GMT

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