ईकोफ्रेंडली आर्टस देखते ही रह गए दंग, लौकी,तुरई और कद्दू बेहद पसंद

Stunned by  ecofrentaly arts  on gourds, turkeys, and pumpkins in nagpur
ईकोफ्रेंडली आर्टस देखते ही रह गए दंग, लौकी,तुरई और कद्दू बेहद पसंद
ईकोफ्रेंडली आर्टस देखते ही रह गए दंग, लौकी,तुरई और कद्दू बेहद पसंद

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  लौकी, गिलकी और तुरई ये सब्जियां सामने आते ही लोग मुंह बना लेते हैं, बच्चे भी इन्हें खाना पसंद नहीं करते हैं। मगर बीजोत्सव में कनार्टक से आईं कलाकार सीमा इन साधारण सब्जियों को इतनी सुंदर कलाकृतियों में बदल देती हैं कि लोग उन्हें अपने घरों में सजावट के लिए ले जाते हैं। सीमा इन सब्जियों से शो-पीस और अन्य कई तरह के आर्ट पीसेस बनाती हैं। नागपुर में आयोजित बीजोत्सव में इकोफ्रेंडली आर्ट्स देख कर लोग दंग रह गए। लौकी से बना लैंप, कद्दू से बनीं कृलाकृतियां लोगों को इतनी भा गई कि वे इसे अपने घर ले गए। 

शौकिया तौर पर बनाया था पहला आर्ट पीस
सीमा कृषि कला की संस्थापक हैं। वे मैसूर कर्नाटक से आई थीं। उन्हें बचपन से ही पेंटिंग और ड्राइंग में महारत हासिल थी, लेकिन सब्जियों को कला में बदलने का ख्याल उन्हें अपने गांव में आया। उन्होंने बताया कि कनार्टक के पास स्थित अपने गांव में आदिवासियों को इन सूखी सब्जियों को अलग-अलग ढंग से उपयोग करते देखा था। एक दिन अचानक उन्हें अपने घर पर लगी लौकी से लैंप बनाने का विचार आया। उन्होंने उसे सुखाया और उसे फ्लावर पाॅट का शेप दे दिया। घर आने वाले रिश्तेदारों और मेहमानों ने इस पॉट की खूब तारीफ की। 

ईकोफ्रेंडली आर्ट के कद्रदान
लौकी के बाद उन्होंने गिलकी, तुरई और तुम्बा से भी कुछ आर्ट पीस बनाए। ये आर्टपीसेस सब्जियों से बने हैं और इनमें किसी भी आर्टिफिशियल मटेरियल का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इन्हें कला के कद्रदान पसंद करते हैं। 

खास तरह से सुखाती हैं सब्जियां
कृषि कला, क्रॉफ्ट कला में भी गहरी रुचि रखती हैं। वे कहती हैं कि लोगों को ईकोफ्रेंडली चीज़ें खूब भाती हैं। यही कारण है कि उनको सब्जियों के आर्ट पीसेस पसंद आते हैं। आर्ट पीस बनाने के लिए पहले खास ढंग से सब्जियों को सुखाती हैं फिर उसकी बाहरी सतह को रेजमाल से साफ कर, उस पर प्राकृतिक रंगों से रंग करती हैं और फिर उसे मनचाहा आकार देती हैं।

Created On :   9 April 2018 1:49 PM IST

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