- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- संतरानगरी में सूफियाना शाम, सांसद...
संतरानगरी में सूफियाना शाम, सांसद हंसराज हंस के गीतों ने बांधा समा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पंजाबी लोकसंगीत और सूफी संगीत के गायक हंसराज हंस ने सूफियाना अंदाज में गायकी से समा बांधा और महफिल में चार चांद लगा दिए। मौका था खासदार सांस्कृतिक महत्सव का, जहां उन्होंने रंग भर दिया। खासदार सांस्कृतिक महोत्सव के चौथे दिन भारतीय जनता पार्टी के सासंद और पंजाबी लोकसंगीत और सूफी गायक पद्मश्री हंसराज हंस ने अपनी गायकी प्रस्तुत की। उत्तर नागपुर लाल गोदाम के पास स्थित ग्रामीण पुलिस मुख्यालय परेड ग्राउंड पर हंसराज हंस का लाइव इन कॉन्सर्ट आयोजित किया गया।
खासदार महोत्सव में खास
खासदार सांस्कृतिक महोत्सव में रानी लक्ष्मीबाई महानाट्य का मंचन 3 से 5 दिसंबर के बीच होगा। इसके लगातार तीन प्रयोग किए जाएंगे। तीनों प्रयोग हनुमान नगर स्थित ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय में किए जाएंगे।
दिल्ली से दिया वीडियो संदेश
खासदार सांस्कृतिक महोत्सव में केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी उपस्थित नहीं थे, लेकिन उन्होंने दिल्ली से वीडियो के माध्यम से संदेश देकर कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं दी। इस पर हंसराज हंस ने उनकी शुभकामना स्वीकार करते हुए कहा कि आज के कार्यक्रम में नितीन जी की कमी है। उन्होंने कहा कि हमने बड़े साहब गुरुनानक से एकता और सद्भाव सीखा है। वह सूफी संतों से बहुत प्यार करते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत कर ‘जिंदगी भी दी है, तो जीने का हुनर भी देना’ इस गीत ने समां बांध दिया। इसके उपरांत ‘जिन्हे देखने जा रहे हैं, वो परदे पर परदा किए जा रहे हैं’ गजल प्रस्तुत की। फिर सूफी गीत ‘सुनो महाराज जगत के वाली’ ने संगीत महफिल में रंगत भरी।
कार्यक्रम के शुभारंभ के हंस का सत्कार शॉल, श्रीफल और स्मृति चिह्न देकर किया गया। उनके साथ वादक कलाकार वायॅलिन पर मोहम्मद यूनुस, की-बोर्ड पर महेश कुमार, तबले पर सादिक अली, ढोलक सोहेल खान, गुरुनाम सिंंह, कोरस कश्मीर मोहम्मद और कुलविंदर का भी सत्कार किया गया। इस अवसर पर पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, विधायक परिणय फुके, विधायक अनिल सोले, पूर्व विधायक डॉ. मिलिंद माने, संगीतज्ञ पं. प्रभाकर धाकडे, पूर्व महापौर प्रवीण दटके, अनिल भारद्वाज, नवनीत सिंह तुली, परविंदर सिंह, हरदेव सिंह बाजवा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रा. अनिल सोले ने रखी। संचालन बाल कुलकर्णी ने किया। कार्यक्रम के अंतिम गीत पर सभी ने भांगड़ा कर एंजॉय किया।
Created On :   2 Dec 2019 10:20 PM IST