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देशमुख की जमानत आवेदन पर सुनवाई से मना, नोट की पहचान आसान बनानेवाले तरीकों पर विशेषज्ञों से मंगाए सुझाव
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने नेत्रहीनों को भारतीय कंरसी नोट व सिक्कों को पहचाने में आसानी हो इसके लिए कौन से साधन व तरीके अपनायए जा सकते हैं, इस बारे विशेषज्ञों से सुझाव मंगाए हैं। न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने कहा कि कई बार अदालत की ओर से जारी आदेशों के जरिए हल नहीं निकल पाता है। इसलिए मामले के समाधान के लिए विशेषज्ञों के सुझाव जरुरी होते हैं। इस मुद्दे को लेकर नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि नेत्रहीनों को आरबीआई की ओर से जारी किए गए नए सिक्के व करंसी नोट को पहचानने में दिक्कत हो रही है। पिछली सुनवाई के दौरान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने हाईकोर्ट को बताया था कि नेत्रहिनों को नोट पहचानने में आसानी हो इसके लिए नोट में कई स्पर्शनीय विशेषताएं शामिल की गई हैं। सोमवार को खंडपीठ के सामने जब यह याचिका सुनवाई के लिए आयी तो खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उदय वारुंजेकर से कहा कि वे इस मामले में विशेषज्ञों से सुझाव ले। ताकि उन तरीकों व साधनों को अपनाया जा सके जो नेत्रहीनों को नोट पहचानने में मददगार साबित हो। क्योंकि हम इस मामले का समाधान चाहते हैं। वैसे हम इस मामले को लेकर लगातार आदेश जारी करते रहेंगे लेकिन हल नहीं निकल पाएगा। खास तौर से तब जब हम यह नहीं जानते हैं कि नोट कि डिजाइन में किस तरह के बदलाव की जरुरत है। हम कोई नीति निर्माता नहीं हैं। खंडपीठ ने कहा कि विशेषज्ञों के सुझाव मिलने के बाद याचिकाकर्ता के वकील उन्हें आरबीआई को सौंपे। खंडपीठ ने चार सप्ताह बाद इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति चव्हाण ने राकांपा नेता देशमुख के जमानत आवेदन पर सुनवाई से किया मना
बांबे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पीके चव्हाण ने मनीलांडरिंग के कथित मामले में आरोपी राज्य के पूर्व गृहमंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल देशमुख के जमानत आवेदन पर सुनवाई से मना कर दिया है। सोमवार को जब देशमुख का जमानत आवेदन न्यायमूर्ति चव्हाण के सामने सुनवाई के लिए आया तो उन्होंने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने देशमुख के जमानत आवेदन पर शीघ्रता से सुनवाई पूरा करने का निर्देश दिया है। इसलिए न्यायमूर्ति चव्हाण ने कोर्ट रजिस्ट्री को आवदेन को उपयुक्त पीठ के सामने सुनवाई के लिए सूचिबद्ध करने की दिशा में उपयुक्त कदम उठाने को कहा है। आरोपी देशमुख ने अधिवक्ता अनिकेत निकम के माध्यम से हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया है। ईडी ने देशमुख को इस मामले में पिछले साल गिरफ्तार किया था। तब से वे जेल में न्यायिक हिरासत में बंद है। आवेदन में देशमुख ने जमानत के लिए अपनी बढती उम्र व सेहत ठीक न होने का हवाला दिया है। आवेदन में देशमुख ने कहा है कि इस मामले में मेरी भूमिका को सीधे तौर पर दर्शानेवाले ईडी के पास कोई सबूत नहीं है।
हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को जारी किया नोटिस
बांबे हाईकोर्ट ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) व महाराष्ट्र वस्तु एवं सेवा कर नियमावली 2017 में किए गए संशोधन को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। न्यायामूर्ति के.आर श्रीराम व न्यायमूर्ति ए.एस डाक्टर की खंडपीठ ने यह नोटिस सैट इंडस्ट्री लिमिटेड की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया है। याचिका में सीजीएसटी नियमावली 21ए (2) 2017 में 22 दिसंबर 2020 को जारी अधिसूचना के आधार पर किए गए बदलाव को चुनौती दी गई है। याचिका में दावा किया गया है कि यह बदलाव नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत को प्रभावित करता है। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और उन्हें याचिका पर अपना जवाब देने को कहा। खंडपीठ ने याचिका पर 10 अक्टूबर 2022 को सुनवाई रखी है।
Created On :   5 Sept 2022 8:52 PM IST