केन्द्र सरकार का आश्वासन, आरक्षण पर फैसला आने तक नीट की नहीं होगी काउंसलिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आश्वासन दिया कि वर्ष 2021 के लिए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट) की काउंसलिंग तब तक शुरू नहीं होगी जब तक कि शीर्ष अदालत अखिल भारतीय मेडिकल कोटा में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण मामले पर फैसला नहीं कर लेता। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की पीठ के समक्ष इस मामले पर हुई सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार द्वारा मामले का उल्लेख किए जाने केन्द्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज ने यह आश्वासन दिया। दातार ने कहा कि काउंसलिंग कार्यक्रम की घोषणा की गई है, जोकि 24 अक्टूबर से शुरू होगा और 29 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। इस मामले में अदालत के हस्तक्षेप की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि प्रक्रिया अदालत के समक्ष मामले के लंबित रहने के दौरान पूरी की जाएगी।
पीठ ने हस्तक्षेप किया और एएसजी से पूछा कि क्या उसे यह आश्वासन मिल सकता है कि काउंसलिंग शुरू नहीं होगी। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब तक हम इस मुद्दे पर फैसला नहीं कर लेते, तब तक काउंसलिंग शुरु नहीं होगी। याचिकाकर्ताओं ने मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2021-22 से अखिल भारतीय कोटे की सीटों पर इन आरक्षणों की घोषणा करने वाली मेडिकल काउंसलिंग कमेटी द्वारा जारी 29 जुलाई की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की है। एनईईटी के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों में से एमबीबीएस में 15% सीटें और मेडिकल कॉलेजों में एमएस और एमडी पाठ्यक्रमों में 50% सीटें अखिल भारतीय कोटे से भरी जाती हैं। याचिकाकर्ताओं ने सवाल उठाया कि क्या इन सीटों के लिए लंबवत या क्षैतिज आरक्षण होना चाहिए और क्या ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ उठाने के लिए 8 लाख की वार्षिक आय एक वैध मानदंड था
Created On :   25 Oct 2021 7:28 PM IST