सस्पेंस कायम है : धीरे-धीरे तय हो रहे उम्मीदवार, कल नामांकन की आखिरी तारीख

Suspense : tomorrow will the last date for nomination
सस्पेंस कायम है : धीरे-धीरे तय हो रहे उम्मीदवार, कल नामांकन की आखिरी तारीख
सस्पेंस कायम है : धीरे-धीरे तय हो रहे उम्मीदवार, कल नामांकन की आखिरी तारीख

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामांकन की अवधि समाप्ति की ओर है। सोमवार 25 मार्च को दोपहर 3 बजे तक उम्मीदवार नामांकन फार्म दाखिल करा सकते हैं, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दलों व संगठनों की ओर से उम्मीदवार घोषित नहीं किए गए हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुठ्ठी बंद है। वहीं चुनाव के पहले शहर में शक्ति प्रदर्शन कर चुकी वंचित बहुजन आघाड़ी भी मौन है। सबसे अधिक कसमसाहट रामटेक क्षेत्र में हैं। भाजपा शिवसेना की ओर से एक दिन पहले ही उम्मीदवार का नाम घोषित हो पाया है। कांग्रेस की ओर से कोई नाम घोषित नहीं हो पाया है। राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी कहने लगे हैं कि सोमवार की सुबह तक ही स्थिति साफ हो पाएगी। लोकसभा के लिए सामान्य तौर पर स्थिति साफ है। भाजपा उम्मीदवार नितीन गडकरी के विरोध में कांग्रेस नाना पटोले के माध्यम से चुनौती खड़ा करने का प्रयास करेगी। हालांकि  शहर कांग्रेस में गुटबाजी की निराशा दूर नहीं हो पाई है। लोकसभा के पिछले 3 चुनावों में जिले में बसपा प्रभाव दिखाती रही है, लेकिन इस बार बसपा की ओर से उम्मीदवार घोषित नहीं किया जा सका है। बसपा में रहे बीआरएसपी के नेता सुरेश माने विदर्भवादी महामंच से उम्मीदवार घोषित हुए हैं। वंचित बहुजन आघाड़ी ने रामटेक में तो शहर से कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया, लेकिन शहर में नाम तय नहीं हो पाया है। वंचित आघाड़ी का नेतृत्व प्रकाश आंबेडकर व असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह आघाड़ी दलित व अल्पसंख्यक वर्ग का लामबंद करेगी। 

राकांपा की हलचल पूरी तरह से शांत 

रामटेक में कांग्रेस ने संस्पेंस कायम रखा है। मुकुल वासनिक कांग्रेस की चुनाव उम्मीदवार चयन समिति में शामिल हैं। रामटेक में न ताे उनका नाम तय हो पाया है और न ही वे िकसी का नाम तय कर पा रहे हैं। यह अवश्य कहा जा रहा है कि सोमवार को रामटेक में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर एबी फार्म किशोर गजभिये या नितीन राऊत के हाथ में होगा। जिले की राजनीति में राकांपा हाथ बांधकर खड़ी मुद्रा में है। शहर में कुछ कार्यकर्ता ही सामने दिख रहे हैं। ग्रामीण में काटोल उपचुनाव के लिए मतदान रद्द होने के साथ ही लोकसभा के लिए भी राकांपा की हलचल पूरी तरह से शांत है। 

अभी तक केवल एक उम्मीदवार ने ही दिया चुनावी खर्च का ब्योरा

नागपुर व रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 18 मार्च से नामांकन भरना शुरू हुआ आैर नागपुर से 12 व रामटेक से 2 उम्मीदवार अब तक नामांकन भर चुके हैं। नागपुर से केवल एक उम्मीदवार ने ही चुनावी खर्च का ब्योरा दिया है। 18 मार्च को पहले दिन नागपुर से निर्दलीय अ. करीम अ. गफ्फार पटेल ने और दूसरे दिन उल्हास दुपारे तथा तीसरे दिन दीपक मस्के ने नामांकन भरा। 22 मार्च को 9 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा। इसी दिन रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चंद्रभान रामटेके व का. बंडू मेश्राम ने नामांकन भरा। जिला निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि नागपुर से अभी तक केवल निर्दलीय श्री पटेल ने ही चुनावी खर्च का ब्योरा पेश किया। नामांकन शुल्क के रूप में जमा किए गए 25 हजार का ही ब्योरा दिया गया है। अन्य खर्च में शून्य बताया गया है। बाकी बचे 11 उम्मीदवारों ने चुनाव खर्च का कोई ब्योरा जमा नहीं किया है। रामटेक लोकसभा निर्वााचन क्षेत्र के भी दो उम्मीदवारों ने भी चुनावी खर्च का ब्योरा पेश नहीं किया है।

वाड़ी नगराध्यक्ष प्रेमनाथ झाड़े का भाजपा महामंत्री पद से इस्तीफा

नगर परिषद वाडी के नगराध्यक्ष प्रेमनाथ झाड़े ने नागपुर जिला भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री पद से इस्तीफा दिया है। बताया जाता है कि नगराध्यक्ष पद को लेकर यहां गुटबाजी चरम पर है। श्री झाड़ेे कई साल से भाजपा व आरएसएस से जुड़े हैं। चर्चा है कि नगराध्यक्ष बनने के बाद से वे हिंगना विधानसभा में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को रास नहीं आ रहे थे। पार्टी के अनुसार झाड़े को नगराध्यक्ष पद फरवरी 19 तक सवा साल के लिए ही दिया गया था। फिलहाल प्रेमनाथ झाड़े ने अपने इस्तीफे को लेकर कहा कि उनकी प्राथमिकता वाड़ी की समस्याओं को हल करना है। वाडी में पानी समस्या गंभीर है। पार्टी पद पर रहने से वहां समय भी देना जरूरी था और इस कारण वाडी की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे पा रहा था। दोनों जिम्मेदारी साथ निभाना मुश्किल होने से भाजपा जिला महामंत्री पद से  इस्तीफा दिया हूं।  

पृथक विदर्भ के लिए चुनाव में उतरे "आज के गांधी"

पृथक विदर्भ राज्य को लेकर अब तक सभी राजनीतिक दलों ने धोखा दिया है। "आज के गांधी" विचार मंच द्वारा पृथक विदर्भ राज्य बनाने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की गई। मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्माइल खान ने बताया कि पूर्व में मिले धोखे से सबक लेते हुए विदर्भवादी नेता चुनावी मैदान में उतरे हैं, जाे विदर्भ को अलग राज्य का दर्जा दिलाने कटिबद्ध हैं। इस अभियान में विदर्भ राज्य की चाह रखनेवाले नेता अपना नामांकन अपने क्षेत्र के चुनाव आयुक्त के पास या मंच के कार्यालय में आवेदन करें। 
 

Created On :   24 March 2019 5:20 PM IST

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