केन्द्रीय कृषि मंत्री के साथ निहंग सिघों की संदिग्ध मुलाकात की भी हो जांच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में त्वरित न्याय की मांग करते हुए कहा है कि यह तभी संभव हो पाएगा, जब केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करके गिरफ्तार किया जाएगा। मोर्चा ने एक बार फिर चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज न करने और उन्हें डराने-धमकाने का मुद्दा उठाया। किसान नेता और एसकेएम के सदस्य योगेन्द्र यादव ने कहा कि लखीमपुर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार की एजेंसियों और निष्पक्ष जांच करने की उनकी क्षमता को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी की। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन्ना के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि उसे समय पर जांच की स्थिति पर रिपोर्ट नहीं मिली। पीठ ने यह भी टिप्पणी की कि यह जांच एक अंतहीन कहानी नहीं हो सकती। यादव ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा पर भी शीर्ष अदालत ने सवाल पूछे हैं। एसकेएम ने कहा कि निहंग सिखों के एक समूह की केन्द्रीय कृषि मंत्री से संदिग्ध तरीके से अन्य लोगों की उपस्थिति में मिलने और यहां तक कि मोर्चा स्थलों को छोड़ने के लिए पैसे की पेशकश के बारे में और खबरें सामने आती जा रह हें। ऐसी परिस्थिति में 15 अक्टूबर को सिंघु मोर्चे पर हुई नृशंस हत्या की साजिश की व्यापक जांच जरूरी हो गई है। योगेन्द्र यादव ने कहा कि हालांकि किसान आंदोलन की छवि खराब करने की कोशिश सफल नहीं हुई है, लेकिन भाजपा की करतूत उजागर करने के लिए इस पूरे प्रकरण के पीछे की सच्ची कहानी सामने लाना आवश्यक है।
Created On :   20 Oct 2021 9:34 PM IST