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सिस्टम की कमी से अटका आधार, मिली अप्रैल तक की मोहलत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डिजिटलाइजेशन के दौर में जिस तेजी से संचार क्रांति आयी उसमें प्रत्येक व्यक्ति का आधार कार्ड का लिंक होना जरूरी हो गया है। हर कार्य में सबसे पहले अब आधार कार्ड मांगा जाता है। साथ ही उसे प्राथमिक पहचान-पत्र के रूप में तय कर दिया गया है। रेलवे और हवाई यात्रा से लेकर सिम कार्ड खरीदने में सबसे पहले आधार कार्ड की मांग की जाती है। बच्चे के जन्म के साथ ही आधार नंबर लिंक कर कार्ड दिया जाता है। 2011 के सर्वे के अनुसार करीब 25 लाख आबादी वाले शहर में सिर्फ 4 सिस्टम के भरोसे नए आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में मान्यता प्राप्त आधार के लिए सिस्टम की कमी की वजह से ही आधार कार्ड बनाने वालों को अप्रैल माह का समय दिया जा रहा है, जबकि आधार कार्ड में सुधार करवाने वालों की एक बड़ी संख्या है। यही वजह है कि मनपा स्थित सेंटर पर सुबह से शाम तक लोग लाइन में लगे रहते हैं और समय निकलने पर दूसरे दिन आना पड़ता है।
मनपा में बन रहे नए कार्ड
मनपा मुख्यालय में नए कार्ड बनाए जा रहे हैं, लेकिन सिर्फ 4 सिस्टम होने के कारण यहां दिन में 80 से 120 के करीब आधार कार्ड बनाए जाते हैं आैर उनमें सुधार किया जाता है। आधार कार्ड में सुधार करवाने वालों की बड़ी संख्या है, जिसमें मोबाइल नंबर से लेकर कार्डधारक का पता परिवर्तन सहित अन्य सुधार करवाने के लिए पहुंचते हैं।
वृद्धों के फिंगर प्रिंट बने परेशानी
वृद्ध लोगों के फिंगर प्रिंट को अपडेट करना कर्मचारियों के लिए परेशानी की वजह बना हुआ है। क्योंकि फिंगर प्रिंट में बदलाव के कारण वह उनके मिलान में बहुत समय लगता है। इस वजह से कई बार एक व्यक्ति के फिंगर प्रिंट मैच करने में आधा-आधा घंटा लग जाता है। इस वजह से वेटिंग लिस्ट और बढ़ जाती है। वहीं स्टॉफ का कहना है कि बच्चों और वृद्धों की समस्या को ध्यान में रखकर उन्हें प्राथमिकता देते हैं।
Created On :   23 Jan 2018 12:54 PM IST