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फिर शुरु हुई NCP में जाने की चर्चा, खडसे बोले- फिलहाल भाजपा नहीं छोड़ रहा हूं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में जाने की चर्चा शुरु हुई है। बुधवार को प्रदेश राकांपा कार्यालय में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ चर्चा की। सूत्रों के अनुसार खडसे को पार्टी में शामिल करने के बाबत यह चर्चा हुई है। हालांकि खडसे ने राकांपा की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव मिलने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल मैं पार्टी नहीं छोड़ रहा हूं। जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने इसे अफवाह बताया है। सूत्रों के अनुसार राकांपा अध्यक्ष पवार ने खडसे को पार्टी में शामिल करने को लेकर जलगांव के पार्टी नेताओं के साथ भी चर्चा हुई। दो घंटे तक चली इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार, प्रदेश राकांपा अध्यक्ष व मंत्री जयंत पाटील के अवाला जलगाव राकांपा जिल्हाध्यक्ष रवींद्रभैय्या पाटील, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अरुण गुजराथी, भाजपा विधायक गिरीश महाजन के खिलाफ राकांपा उम्मदवार रहे संजय गरुड, अमलनेर के विधायक अनिल पाटील, पूर्व राज्यमंत्री डॉ. सतीश पाटील व गुलाबराव देवकर मौजूद थे। हालांकि इस बारे में राकांपा नेताओं ने कुछ भी बोलने से इंकार किया है।
खडसे लंबे समय से भाजपा में दिरकिनार किए गए हैं। पिछले दिनों उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जमकर हमला बोला था। इससे समझा जा रहा है कि अब उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है। उनके समर्थकों का भी दबाव है अब वे भाजपा छोड़ दे। खडसे के करीबी नेताओं की माने तो उन्हें राकांपा के अलावा कांग्रेस व शिवसेना से भी ऑफर है। खडसे की बहु रक्षा खडसे फिलहाल भाजपा से सांसद हैं। इसकी वजह से खडसे पार्टी नहीं छोड़ पा रहे हैं।
खडसे के विरोध में हैं राकांपा के दो पूर्व मंत्री
वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे के राकांपा में जाने को लेकर दो पूर्व राज्यमंत्री विरोध में हैं। इन दोनों नेताओं ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के सामने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने पार्टी सुप्रिमों को बताया कि खडसे ने मुक्ताईनगर के राकांपा नेताओं-कार्यकर्ताओं को किस तरह परेशान किया था। हालांकि इस बैठक में अधिकांश नेताओं ने कहा कि खडसे को राकांपा में शामिल करने से इस इलाके में पार्टी को फायदा होगा और भाजपा कमजोर होगी। केवल पूर्व राज्यमंत्री देवकर और पाटील ने खडसे के एनसीपी प्रवेश का विरोध किया। इन दोनों नेताओं की दलील थी कि खडसे के साथ अब जनमत नहीं रहा। इस लिए उनको पार्टी में शामिल करने से फायदा छोड़ नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में जब-जब भाजपा की सत्ता आई खडसे ने राकांपा नेताओं को परेशान किया। अब उनकी भाजपा व जलगांव जिले में राजनीतिक ताकत नहीं रही। इसी के चलते उनकी बेटी को विधानसभा चुनाव हारना पड़ा। इसके बावजूद यदि पार्टी उन्हें अपने साथ लाना ही चाहती है तो उनकी बहु रक्षा खडसे लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दें और कम से कम एक साल तक खडसे को मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाए। रक्षा खडसे फिलहाल भाजपा से सांसद हैं।
Created On :   23 Sept 2020 7:49 PM IST