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मनपा आयुक्त पर निशाना, बिना काम किए ही छापरू कंपनी को कर दिया 10 करोड़ का भुगतान
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्मार्ट सिटी परियोजना को लेकर अधिकारियों की लापरवाही की पोल भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े ने खोली है। आरोप है कि मात्र 5 प्रतिशत काम करने वाली छापरू कंपनी को 10 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। जिनकी जमीन ली गई, उनको मुआवजे की तीसरी किस्त अब तक नहीं मिल पाई है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी पर अफसरों की मेहरबानी किस कदर बरसी है। पूर्व नागपुर के पुनापुर, भरतवाड़ा और पारडी क्षेत्र में 1,730 एकड़ में स्मार्ट सिटी योजना को साकार करना है। इस परियोजना का काम छापरू कंपनी काे दिया गया है। 17.50 करोड़ रुपए के कार्यादेश जारी किए गए हैं। काम मात्र 5 प्रतिशत हुआ है और कंपनी को भुगतान 10 करोड़ रुपए का हो गया। ऐसा भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े का कहना है।
गुरुवार को महापौर संदीप जोशी ने स्मार्ट सिटी परियोजना का निरीक्षण किया। इस दौरान स्मार्ट सिटी के आमंत्रित संचालक विधायक कृष्णा खोपड़े, गिरीश व्यास मौजूद थे। इस अवसर पर खोपड़े ने पत्रकारों से कहा कि केंद्रीय मंत्री िनतीन गडकरी, तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रयासों से नागपुर में 3500 करोड़ का स्मार्ट सिटी प्रकल्प मंजूर हुआ है। छापरू कंपनी को आवासीय नक्शे, डिजाइन तैयार करने का काम दिया गया है। आरोप है कि कंपनी ने कोई काम नहीं किया। नगर रचना परियोजना अंतर्गत 11 हजार 193 परिवारों का सर्वे किया गया है। 80 प्रतिशत परिवार ने घर, जमीन देने की सहमति दी है। 2 हजार परिवार प्रभावित हैं। प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपए खर्च अपेक्षित है। दो वर्ष में मात्र 196 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। जमीन देने वालों को पहली दो किस्तों का भुगतान किया गया। तीसरी किस्त सीईओ तुकाराम मुंढे ने रोक दी है।
महापौर ने जताई नाराजगी
स्मार्ट सिटी प्रकल्प का समय समाप्त होने पर भी मात्र 5 प्रतिशत काम होने पर महापौर संदीप जोशी ने नाराजगी जताई। जल्द से जल्द काम पूरे करने के उन्होंने िनर्देश दिए। निरीक्षण दौरे में उपमहापौर मनीषा कोठे, स्थायी समिति अध्यक्ष विजय झलके, परिवहन समिति सभापति बाल्या बोरकर आदि शामिल रहे।
मकान किराया भी नहीं दे रहे
स्मार्ट सिटी योजना में जिन लोगों के मकानों का अधिग्रहण हुआ था, उन्हें किराए के मकान में रहना पड़ रहा है। इन लोगों को हर माह 10 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है। आरोप है कि सीईओ ने यह राशि देनी भी बंद कर दी है। स्मार्ट सिटी परियोजना के चेयरमैन प्रवीण परदेशी संचालक मंडल की बैठक में जमीन मालिकों को मुआवजा देने के निर्देश दे चुके हैं। खोपड़े ने कहा िक स्मार्ट सिटी के संचालक मंडल की मंजूरी के बाद ही नया सीईओ पदभार संभाल सकता है। बैठक हुई ही नहीं, इसलिए नियम के अनुसार मुंढे सीईओ नहीं हैं।
Created On :   3 July 2020 4:48 PM IST