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तावडे, बावनकुले, खडसे, पुरोहित का पत्ता कट, आव्हाड ने याद दिलाई यह बात
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन शुक्रवार को जारी भाजपा उम्मीदवारों की अंतिम सूची ने साफ कर दिया कि दो कैबिनेट मंत्रियों उच्च व तकनीकी शिक्षामंत्री विनोद तावडे और ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले सहित विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक राज पुरोहित का टिकट काट दिया। राज्य के पूर्व गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता को भी पार्टी ने उम्मीदवारी नहीं थी। साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे की सीट से उनकी बेटी रोहिणी खडसे को उम्मीदवारी दी गई है। भाजपा ने सात उम्मीदवारों की चौथी सूची शुक्रवार को जारी कर दी। पार्टी ने जलगांव की मुक्ताईनगर विधानसभा सीट से एकनाथ खड़से की बेटी रोहिणी को टिकट दिया है। उम्मीदवारों को दो सूची में अपना नाम न होने के बाद खडसे ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवारा नामांकन किया था। लेकिन अब बेटी को उम्मीदवारी मिलने के बाद उन्होंने अपने समर्थकों से बेटी का समर्थन करने की अपील की है। खडसे 1991 से मुक्ताईनगर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एकनाथ खड़से महाराष्ट्र में सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं लेकिन देवेंद्र फड़णवीस सरकार में मंत्री रहते हुए अनियमितताओं के आरोपों के बाद से वो हाशिये पर चल रहे थे। उन्हें 2016 में राजस्व मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद उनकी फड़णवीस ने मंत्रिमंडल में वापसी नहीं हो सकी थी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि खड़से को यह साफ बता दिया गया है कि उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा। शिक्षामंत्री तावड़े का टिकट भी काट दिया और बोरीवली सीट से सुनील राणे को खड़ा किया है। आश्चर्यजनक रुप से नागपुर की काटोल सीट से उर्जामंत्री बावनकुले का टिकट काट कर यहां से चरण सिंह ठाकुर को उम्मीदवारी दी है।
पार्टी का फैसला मंजूरः तावडे
भाजपा की तरफ से उम्मीदवार न बनाए जाने पर शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने कहा है कि पार्टी ने मुझे क्यों टिकट नहीं दिया इसके लिए मैं आत्म परिक्षण कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि पार्टी भी इस बारे में विचार करेगी। यदि पार्टी से कोई गलती हुई है तो पार्टी भी इस बारे में विचार करेगी। तावडे ने कहा कि मैं आरएसएस का स्वयंसेवक हूं। इस लिए मैं राजनीति में भी स्वमसेवक की तरह कार्य करता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे टिकट क्यों नहीं मिला इसका चर्चा चुनाव बाद मैं पार्टी हाईकमान से करूंगा। यदि मेरी कोई गलती होगी तो उसे सुधारूगा। मैं पार्टी के खिलाफ जाने के बारे में सोच भी नहीं सकता। तावडे ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा-शिवसेना युति को दो भारी जीत मिलनी चाहिए। तावडे ने दावा किया कि बतौर मंत्री पिछले पांच वर्षों के दौरान मैंने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। तावडे ने कहा कि मुझे व प्रकाश मेहता को टिकट दिलाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील भी प्रयास कर रहे थे। लेकिन पार्टी की पार्लमेंट्री बोर्ड ने यह फैसला लिया है। यह पूछे जाने पर कि आप को उम्मीदवारी क्यों नहीं मिली? तावडे ने कहा कि फिलहाल इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। चुनाव बाद इस संबंध में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ल संगठन मंत्री संतोष कुमार जी से चर्चा करूंगा। मेरे बारे में पार्टी जो फैसला लेगी मुझे मान्य होगा।
पार्टी के खिलाफ नहीं लडूंगा चुनाव: खडसे
भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने पार्टी द्वारा उम्मीदवारी न दिए जाने के फैसले को पार्टी का निर्णय बताते हुए उसे स्वीकार करने की बात कही है। खडसे अपनी सीट से बेटी रोहिणी को टिकट दिए जाने पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि पिता का टिकट काट कर बेटी को टिकट दिया गया है लेकिन स्वभाविक है कि वह इस घटनाक्रम से दुखी है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकर्ता चाहते थे कि मुझे उम्मीदवारी मिले पर पार्टी को ऐसा नहीं लगा। लेकिन यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। नई पीढ़ी को भी राजनीति में आना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं सरकार के खिलाफ कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि पार्टी के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। राकांपा नेताओं के सम्पर्क में रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि शरद पवार संशय पैदा करने में माहिर हैं।
भाजपा ने एकनाथ खडसे के बजाय उनकी बेटी रोहिनी को दिया टिकट
लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति तो क्या भाजपा की राजनीति में जिस तरह से अप्रासंगिक हो गए है वहीं हाल महाराष्ट्र में पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे का हो गया है। पिछले 40 सालों से पार्टी से एकनिष्ठ रहे खडसे को भाजपा ने घर में बिठा दिया है। टिकट मिलने की आस लगाए बैठे एकनाथ खड़से का पत्ता काटकर पार्टी ने उनके स्थान पर उनकी बेटी रोहिनी को मुक्ताईनगर से मैदान में उतारा है। शुक्रवार को भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए 7 उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की। जिसमें विदर्भ से पार्टी का बड़ा चेहरा चंद्रशेखर बावनकुले, विनोद तावडे आदि नेताओं का नाम शामिल नही है। इस सूची में काटोल से चंदनसिंह ठाकुर, तुमसर से प्रदीप पडोले, नाशिक पूर्व से एड राहुल डिकाले, बोरिवली से सुनील राणे, घाटकोपर पूर्व से पराग शाह और कोलाबा से राहुल नार्वेकर को टिकट दिया गया है।
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी शुक्रवार को 5 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी की। इस सूची में मुखेड़ से भाऊसाहेब खुशालराव पाटील, नांदेड दक्षिण से मोहनराव हंबर्डे, पालघर (सु) योगेश शंकर नाम, भिवंडी पूर्व से संतोष शेट्टी और कुडाल से चेतन नामदेवराव मोंडकर को मैदान में उतारा है। बता दें कि कांग्रेस ने इससे पहले कुडाल से हेमंत राघोबा कुडालकर को उम्मीदवारी घोषित की थी।
तावडे का टिकट कटने पर जितेंद्र आव्हाड ने याद दिलाई सदन की वह बात
देखा जाए तो राजनीति में एक दूसरे के खिलाफ नेताओं की टीका टिप्पणी तो चलती रहती है लेकिन कई बार बड़बोलापन मंहगा पड़ जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ भाजपा नेता और उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री विनोद तावडे के साथ। भाजपा द्वारा तावडे को उम्मीदवारन दिए जाने पर राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने उन्हें सदन में कही वह बात याद दिलाई। दरअसल मौजूदा विधानसभा के अंतिम सत्र के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच चल रही टोंकाटांकी के बीच तावडे ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा था कि आव्हाड को बोलने दीजिए क्योंकि वे अगली बार विधानसभा में आएंगे इसकी गारंटी नहीं है। आव्हाड ने कहा कि तावडे की इस टिप्पणी से वे बेहद आहत हुए थे और नाराज होकर उन्होंने तावडे को चुनौती दी थी कि उनके विधानसभा क्षेत्र से आकर चुनाव लड़ें अगर उन्हें 75 हजार से ज्यादा वोटों से नहीं हराया तो मैं अपने पिता का नाम नहीं बताऊंगा। आव्हाड ने कहा कि वह बात मैंने गुस्से में कही थी लेकिन आज मुझे इस बात की हैरानी है कि तावडे का ही टिकट काट दिया गया खासकर यह देखते हुए कि वे पढ़ाई के समय से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए हैं। आव्हाड ने कहा कि तावडे उनके अच्छे दोस्त हैं। उस दिन विधानसभा सदन में जो भी हुआ था वह गुस्से में हुआ। मुझे कभी ऐसा नहीं लगा था कि तावडे को इस तरह से राजनीतिक हाशिए पर धकेला जाएगा। आव्हाड ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर तावडे से बात नहीं की और आगे भी नहीं करेंगे लेकिन उन्हें इस बात का एहसास है कि तावडे और उनके परिवार की मनस्थिति कैसी होगी।
Created On :   4 Oct 2019 7:15 PM IST