नौकरी बचाने शिक्षकों की अजीब जद्दोजहद, अपने खर्च से पढ़ा रहे बच्चों को

Teachers are bearing the education cost of kids to save the job
नौकरी बचाने शिक्षकों की अजीब जद्दोजहद, अपने खर्च से पढ़ा रहे बच्चों को
नौकरी बचाने शिक्षकों की अजीब जद्दोजहद, अपने खर्च से पढ़ा रहे बच्चों को

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा उर्दू  स्कूलों के शिक्षकों को नौकरी बचाने के लिए अजीब जद्दोजहद करनी पड़ रही है। स्कूल में नाम मात्र विद्यार्थी हैं और जो हैं उन्हे अध्ययनरत रखने के लिए शिक्षकों को इनका खर्च वहन करना पड़ रहा है। हाल ऐसा है कि मुस्लिम बहुल इलाके में चल रही उर्दू स्कलें भी बंद होने की कगार पर हैं। बीड़ीपेठ उर्दू प्राथमिक स्कूल व आशीर्वाद नगर उर्दू प्राथमिक स्कूल में क्रमश: 28 व 27 बच्चे अध्ययनरत हैं। 

कम होते जा रहे विद्यार्थी
बीड़ीपेठ उर्दू प्राथमिक स्कूल व आशीर्वाद नगर उर्दू प्राथमिक स्कूल में बच्चे कम होने से दोनों ही स्कूलों को ताजाबाद उर्दू प्राथमिक स्कूल की इमारत में शिफ्ट किया गया है। पहली से चौथी कक्षा तक की इन स्कूलों में 10 साल पहले सैकड़ों बच्चे पढ़ते थे। आज बीड़ीपेठ उर्दू स्कूल में पहली कक्षा में 8, दूसरी कक्षा में 6, तीसरी व चौथी कक्षा में 7-7 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। यहां 4 शिक्षक हैं। इसीतरह आशीर्वाद उर्दू स्कूल में पहली कक्षा में 11, दूसरी कक्षा में 6, तीसरी कक्षा में 1 व चौथी कक्षा में 9 बच्चे हैं। यहां 2 शिक्षक तैनात हैं। 

नौकरी खतरे में न पड़ जाए
मुस्लिम बहुल इलाकों में ये स्कूलें होने के बावजूद विद्यार्थियों की संख्या कम होना मनपा प्रशासन के लिए चिंता की बात बनी हुई है। मनपा प्रशासन की तरफ से किताबें व यूनिफार्म भी दिए गए। इसके अलावा शिक्षक इनके ऑटो तक का खर्च उठा रहे हैं। बच्चों को कापी, पेन व स्कूल बैग भी दे रहे है। इन शिक्षकों को यह चिंता सता रही है कि बच्चे कम हुए तो उनकी नौकरी खतरे में न पड़ सकती है। शहर में पहले ही उर्दू की 4 स्कूलें बंद हो चुकी हैं। चौंकानेवाली बात यह है कि मनपा शिक्षा विभाग के सभापति दिलीप दिवे का दावा है कि उर्दू की स्कूलों में बच्चे बहुत ज्यादा कम नहीं हुए हैं। 

उर्दू स्कूलों पर असर नहीं 
उर्दू की स्कूलों पर विद्यार्थी कम होने का ज्यादा असर नहीं हुआ है। मराठी स्कूलों पर ज्यादा असर हुआ है। हाल ही में उर्दू की स्कूल बंद नहीं हुई है। विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रशासन हरसंभव कोशिश कर रहा है। स्कूल आने जाने के लिए विद्यार्थियों को लाखों रुपए खर्च करके साइकिलें बांटी गई है। 
-दिलीप दिवे, शिक्षा सभापति मनपा नागपुर

Created On :   7 Jan 2019 5:41 AM GMT

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