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इन शिक्षकों ने सवारी कई जिन्दगियां, आदर्श शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर ‘आदर्श शिक्षक’ पुरस्कार के लिए जिला परिषद के 15 और मनपा के 6 शिक्षकों को सम्मान दिया जा रहा है। जिप के प्राथमिक विभाग से 13 तहसील के प्रति एक शिक्षक और माध्यमिक विभाग तथा विशेष शिक्षक जिले के 1-1 नाम की घोषणा की गई। मनपा के 6 शिक्षकों के नाम घोषित किए गए हैं। शिक्षण समिति सभापति भारती पाटील ने पत्र परिषद में यह घोषणा की। जिप के प्राथमिक शिक्षा विभाग से 27 और माध्यमिक विभाग से 2 प्रस्ताव प्राप्त हुए। जिप अध्यक्ष, सीईओ, सभापति तथा शिक्षाधिकारी की समिति ने प्रस्तावों की पड़ताल कर चयन किया। चयन सूची विभागीय आयुक्त को भेजकर मंजूरी ली गई। माध्यमिक विभाग से जिले में दो शिक्षकों को आदर्श शिक्षक पुरस्कार दिए जाने थे। एक प्रस्ताव अपात्र ठहराया गया। रामटेक तहसील के वडंबा स्कूल में कार्यरत यमुना नाखले को माध्यमिक विभाग से आदर्श शिक्षक पुरस्कार घोषित किया गया। विशेष शिक्षकों में ग्रामीण के सावंगा स्थित स्कूल के शिक्षक जितेंद्र धुर्वे का आदर्श शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन किया गया। जिप के आदर्श शिक्षकों को सम्मान चिह्न, प्रमाणपत्र और 500 रुपए नकद पुरस्कार दिया जाएगा। शिक्षक दिवस पर आज 5 सितंबर को दोपहर 1 बजे जिप के आबासाहब खेलकर सभागृह में शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। पशु संवर्धन व दुग्ध विकास मंत्री सुनील केदार के हस्ते सम्मान होगा। कार्यक्रम में जिप अध्यक्ष रश्मि बर्वे, सभी समितियों के सभापति, जिप सदस्य तथा पूर्व पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।
जिप के प्राथमिक विभाग के आदर्श शिक्षक
सुजाता भानसे : सोनेगांव, तहसील नागपुर
विजय कृपाल : नेरी मानकर, तहसील हिंगना
महेंद्र मेश्राम : घोरपड़, तहसील कामठी
नीलिमा राऊत : तोंडाखैरी, तहसील कलमेश्वर
शेषराव टाकलखेड़ : वलीन, तहसील काटोल
उत्तम मनकवड़े : सावरगांव क्र. 1, तहसील नरखेड़
चिंतामण ताजने : पारडी रिठी, तहसील सावनेर
संजय ढोके : नयाकुंड, तहसील पारशिवनी
संगीता चाके : हमलापुरी, तहसील रामटेक
रणजीत बागड़े : किरणापुर, तहसील मौदा
येशीराम राऊत : बोथली ठाना, तहसील उमरेड
वसुंधर किटकुले : करांडला, तहसील कुही
संजय दुर्गे : मोखाड़ा, तहसील भिवापुर
मनपा के आदर्श शिक्षक
कल्पना मालवे : सुरेद्रगढ़ हिंदी माध्यमिक स्कूल
ईश्वर धुर्वे : वाठोड़ा मराठी उच्च प्राथमिक स्कूल
शाहीन सैयद : सदर उर्दू उच्च प्राथमिक स्कूल
संदीप अभ्यंकर : बै. शेषराव वानखेड़े विद्या निकेतन
अ. सलीम अ. रहीम : साने गुरुजी उर्दू माध्यमिक स्कूल
काजी लतीफ : ताजाबाद उर्दू माध्यमिक स्कूल
शिक्षकों ने स्वीकारी ऑनलाइन शिक्षा की चुनौती
केंद्रीय विद्यालय अजनी के डॉ. बी. एस. कुंदवानी ने कहा कि कोरोना महामारी में जब स्कूल बंद हुए, तो ऑनलाइन शिक्षा के अलावा कोई विकल्प नहीं था। शिक्षकों ने कोरोना महामारी जैसे कठिन दौर में ऑनलाइन शिक्षा की चुनौती स्वीकार की आैर बच्चों के भविष्य को संवारने व निखारने का काम किया। ऑनलाइन पढ़ाई के साथ ही बच्चों को कोरोना महामारी के प्रति जागरूक किया। पढ़ाई के साथ ही बच्चों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास भी शिक्षकों द्वारा किया गया। महामारी में बच्चों को तनावमुक्त व स्वस्थ रहने के गुर भी बताए। जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं थे, उन्हें स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने का काम भी शिक्षकों ने किया। शिक्षकों की भूमिका कोरोना योद्धा के साथ-साथ सामाजिक व शैक्षणिक कार्यकर्ता के रूप में भी दिखाई दी। स्मार्ट फोन की कमी के बावजूद ज्यादा से ज्यादा बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ा गया।
हजारों शिक्षक बनाने वाले शिक्षक घोरमोडे के योगदान को नहीं भुला सकता समाज
वहीं कोरोना ने हमारे बीच से ऐसी-ऐसी महान विभूतियों को छीन लिया है, जिन्होंने देश-समाज के लिए अमूल्य योगदान दिया है। आज वो हमारे बीच भले न हों, लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा। इन्हीं में से एक हैं शिक्षक आचार्य कृष्णा उरकुडाजी घोरमोडे। आज 5 सितंबर को पूरा देश शिक्षक दिवस मना रहा है। ऐसे में आचार्य घोरमोडे और उनके योगदान को कैसे भुलाया जा सकता है, जिन्होंने अपने जीवनकाल में हजारों शिक्षक बनाए और 30 पुस्तकों का लेखन कर शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संघर्ष से शिखर तक पहुंचे इस शिक्षक का जीवन भी किसी तप से कम नहीं रहा।
चंदा जमा कर की पढ़ाई
आचार्य घोरमोडे जब सात साल के थे, तो पिता का साया उठ गया। मां ने मजदूरी कर जैसे-तैसे पढ़ाया। जब वे 1959 में चंद्रपुर के ब्रह्मपुरी से दसवीं पास किए, तो आगे पढ़ने के लिए पैसे नहीं थे। तब गांव के मारोतराव मुनघाटे, गणपतराव मुनघाटे, निमगड़े, गायकवाड़ आदि ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने चंदा जमा कर कृष्णा को औरंगाबाद में उच्च शिक्षा के लिए भेजा। वहां बीएससी तक शिक्षा प्राप्त कर जीवशास्त्र विषय में अव्वल क्रमांक प्राप्त किया। इसके बाद वे ब्रह्मपुरी लौट आए। यहां नेवजाबाई हितकारिणी विद्यालय में बतौर शिक्षक के रूप में सेवा देने लगे। यहां से उनकी शिक्षक की भूमिका शुरू हुई।
उपलब्धि और योगदान
आचार्य घोरमोडे ने समाजशास्त्र, इतिहास और राज्यशास्त्र में एमए किया। इसके बाद एमएड और पीएचडी की डिग्रियां प्राप्त की। उसके बाद उन्हें चंद्रपुर के आमले बीएड कॉलेज में प्राचार्य के रूप में पदस्थ हुए। फिर रामटेक, नागपुर, नागभीड़ आदि शहरों में प्राचार्य पद पर रहते हुए 23 साल सेवारत रहे। इस दौरान वे शिक्षा क्षेत्र में लोकप्रिय हुए। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनका नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाने लगा। वे माध्यमिक शिक्षा मंडल पुणे में तज्ञ मार्गदर्शक, रातुम नागपुर विद्यापीठ में सीनेट सदस्य, विदर्भ शिक्षण प्राध्यापक संघ में सदस्य, यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ नाशिक में मार्गदर्शक के रूप में सक्रिय रहे। उनके कार्य को देखते हुए उन्हें आदर्श शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया।
स्वैच्छिक शिक्षकों ने बच्चों को दिखाई नई राह
उधर आईआईटी से ग्रेजुएट वरुण ने 11 साल पहले फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों को शिक्षा देने का संकल्प लिया। मौदा के एनटीपीसी में उप प्रबंधक वरुण श्रीवास्तव ने एक नई पहल ‘उपाय’ संस्था के माध्यम से की थी। वर्ष 2010 में कुम्हारी के छोटे से गांव में पहले फुटपाथ स्कूल को शुरू किया। इस स्कूल में बच्चों के रुझान, दिलचस्पी और शिक्षादान की सफलता को देखकर वरुण ने अक्टूबर 2014 में शहर के सीताबर्डी में फुटपाथ स्कूल को आरंभ किया। सेवानिवृत्ति शिक्षिका अर्चना श्रीवास्तव के साथ कुछ युवा स्कूल में पढ़ाते थे। कुछ माह में ही यशवंत स्टेडियम, महाराजबाग समेत कई इलाकों में फुटपाथ और गलिच्छ बस्तियों में स्कूल नजर आने लगे। कई बार आपराधिक गतिविधियों से जुड़े माता-पिता ने शिक्षकों पर हमला तक किया, ताकि बच्चों को शिक्षा की रोशनी से बचाया जा सके। लेकिन उन्हीं परिजनों कोे अब अपने बच्चों को समाज में शिक्षित और सुसंस्कारी देख सुकून मिल रहा है।
कई शहरों में खुल गए स्कूल
अब वरुण श्रीवास्तव नई दिल्ली में स्थानांतरित हो चुके हैं, लेकिन नागपुर के अलावा बनारस, पुणे, गुड़गांव समेत कई हिस्सों में फुटपाथ स्कूल संचालित हो रहे हैं। कई नौकरीपेशा, कार्पोरेट के युवा और महिलाएं ‘उपाय’ संस्था के शिक्षादान अभियान से जुड़ चुकी हैं। इन स्कूलों में शिक्षित होकर छात्रों ने समाज में नया मुकाम भी हासिल कर लिया है। स्कूलों में शिक्षक अपने काम के बदले में वेतन पाते हैं, लेकिन स्वैच्छिक शिक्षक के रूप में अपने वेतन से स्कूल और छात्रों को युवा सहायता करने से नहीं चूकते हैं।
10 केन्द्र में अध्यापन
‘उपाय’ के माध्यम से शहर में 10 शिक्षादान केन्द्र संचालित हो रहे हैं। इनमें से 6 गरीब और गलिच्छ बस्ती में मौजूद हैं। इसमें लक्ष्मीनगर, आईटी पार्क, जगदीश नगर, माउंट रोड, वर्धमान नगर और सक्करदरा का समावेश है। दूसरी ओर रास्ते के किनारे 4 फुटपाथ स्कूल संचालित हो रहे हैं। इनमें मानकापुर, संतरा मार्केट, महाराजबाग और माउंट रोड शामिल हैं। इन केन्द्रों पर 300 से अधिक फुटपाथी, भिक्षावृत्ति और गरीब तबके के बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। यशवंत स्टेडियम फुटपाथ स्कूल परिसर में बच्चों को गीत-संगीत के माध्यम से शिक्षा देने का प्रयास हो रहा है। स्वयंसेवक भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को नियमित स्कूलों और छात्रावासों में भर्ती करवा रहे हैं। पिछले 3 सालों में 5 बच्चों को छुड़ाया गया है।
बच्चों को शिक्षित करने नौकरी छोड़ दी
शहर में 10 शिक्षादान केन्द्रों में अब तक 55 युवा स्वयंसेवक, महिलाएं, शिक्षिकाएं समेत नागरिक जुड़े हैं। मुख्य डाकघर में लेखाधिकारी नीतू मिश्रा अपनी इंजीनियरिंग और एलएलबी की शिक्षा पूरी करने के बाद केन्द्र में पढ़ा रही हैं। सेवानिवृत्त शिक्षिका अर्चना श्रीवास्तव, देबोश्री भट्टाचार्य, भाविका दोषी, गृहिणी शुभारती दीक्षित, राजकुमारी भदौरिया, रजनी शुक्ला के साथ ही प्रिंस सिंह समेत कुल 55 युवा जुड़े हैं। स्थानीय मदन गोपाल स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत किरण कलंत्री ने फुटपाथ स्कूल की खातिर अपनी नौकरी छोड़ दी है। फुटपाथ स्कूलों के शिक्षादान को समाज के सभी तबके से सहायता मिल रही है। रोटरी क्लब, ओसीडब्ल्यू, परसिस्टेंट, रोटी बैंक समेत अन्य निजी संस्था और नागरिकों ने अपनी ओर से शिक्षा और खाद्य सामग्री मुहैया कराई है। राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी) के सोशल वेलफेयर क्लब ने भी अनूठी पहल की है। क्लब के अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता के सहयोग से संतरा मार्केट स्कूल के छात्रों को रोजाना दूध, केला और अंडा पौष्टिक आहार के रूप में दिया जाता है। महापौर दयाशंकर तिवारी ने मनपा की लाइब्रेरी की जगह उपलब्ध कराया है। आईटी पार्क क्षेत्र में परसिस्टेंट कंपनी ने कार्यालय की जगह स्कूल के लिए दी है।
Created On :   5 Sept 2021 4:24 PM IST