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दो स्कूलों में नौकरी कर सैलरी लेने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं, होगी कड़ी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक शिक्षक को एक साथ दो स्कूलों में नौकरी कर वेतन लेने पर आयुक्त ने उसकी नियुक्ति रद्द करने व उसे अदा किए गए वेतन की रकम वसूल करने के शिक्षणाधिकारी को आदेश दिए हैं। आयुक्त के आदेश पर माध्यमिक शिक्षणाधिकारी शिवलिंग पटवे ने मुख्याध्यापक की नियुक्ति भी रद्द कर दी है।
अजय निंबालकर माध्यमिक स्कूल और केंद्र सरकार पुरस्कृत अपंग एकात्म समावेशित स्कूल में रीना निंबालकर सहायक शिक्षक के रूप में एक साथ सेवा दे रही थीं। दोनों स्कूल अनुदानित हैं। नियम के अनुसार, दो स्कूलों से एक साथ वेतन नहीं उठाया जा सकता, परंतु इस शिक्षिका ने नियमों का उल्लंघन कर यह कर दिखाया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे इस कारनामे को RTI कार्यकर्ता विजय गुप्ता ने सूचना अधिकार का उपयोग कर उजागर किया। शिक्षण आयुक्त ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेकर माध्यमिक शिक्षणाधिकारी को कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।
आयुक्त के आदेश पर शिक्षणाधिकारी ने अजय निंबालकर हाईस्कूल के मुख्याध्यापक सिद्धार्थ कांबले की नियुक्ति रद्द कर दी है। वहीं, शिक्षिका रीना निंबालकर को अदा किए गए वेतन की रकम वसूल करने व उसकी नियुक्ति रद्द करने के आदेश दिए गए हैं। RTI कार्यकर्ता विजय गुप्ता ने शिक्षिका की नियुक्ति को मंजूरी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
इधर व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए 10वीं के विद्यार्थियों को बड़ी राहत
शालेय शिक्षण मंत्री विनोद तावड़े ने व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में जाने वाले 10वीं उत्तीर्ण पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। उन्हें जाति वैधता प्रमाणपत्र की झंझटों से छूट देते हुए प्रवेश नियामक प्राधिकरण के दायरे से बाहर कर दिया है।
प्रवेश प्रक्रिया पहले की तरह
कक्षा 10वीं उत्तीर्ण पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को जाति वैधता प्रमाण पत्र मिलने के लिए कोई सुविधा नहीं होने से उन्हें तंत्रशिक्षण संचालनालय अंतर्गत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने में दिक्कतें हो रही हैं। इन विद्यार्थियों का शैक्षणिक हित देखते हुए तंत्रशिक्षण संचालनालय अंतर्गत पदविका (डिप्लोमा) पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया महाराष्ट्र बिना अनुदानित व्यावसायिक संस्था (प्रवेश व शुल्क का विनियम) अधिनियम 2015 द्वारा गठित किए प्रवेश नियामक प्राधिकरण के दायरे से बाहर करने का निर्णय सरकार ने लिया है।
इसके अनुसार 5 जुलाई 2018 को अधिसूचना जारी की गई है। अब डिप्लोमा पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया पहले जैसे तंत्रशिक्षण संचालनालय द्वारा जारी रहेगी। विविध व्यावसायिक पदविका (डिप्लोमा) पाठ्यक्रम के लिए विद्यार्थियों को अब तक मिल रही राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षण शुल्क शिष्यवृत्ति योजना व डॉ. पंजाबराव देशमुख वस्तीगृह निर्वाह भत्ता योजना का लाभ कायम रहेगा। इसके लिए स्वतंत्र रूप से आदेश जारी किया गया।
Created On :   6 July 2018 12:23 PM IST