जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पहुंची इंकम टैक्स जबलपुर की टीम - अनियमित्ता के मामले उजागर

Team of Income Tax Jabalpur reached District Cooperative Central Bank - Cases of irregularity exposed
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पहुंची इंकम टैक्स जबलपुर की टीम - अनियमित्ता के मामले उजागर
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पहुंची इंकम टैक्स जबलपुर की टीम - अनियमित्ता के मामले उजागर

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। आयकर विभाग के इंटेलिजेंस और क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन टीम सोमवार की सुबह जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की मुख्य शाखा में पहुंची। टीम ने बैंक के लेन देन सहित स्टेटमेंट ऑफ फाईनेंशियल ट्राजेंक्शन से संबंधित जांच की है। जिला सहकारी बैंक में दिन भर जांच चली और आयकर अधिकारियों ने बैंक प्रबंधन के स्टेटमेंट भी दर्ज किए हैं। संयुक्त आयकर आयुक्त इंटेलिजेंस एवं क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन भोपाल के निर्देश पर आयकर अधिकारी आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण जबलपुर की पांच सदस्यीय टीम सोमवार की सुबह 11.30 बजे पहुंची। टीम ने स्टेटमेंट ऑफ फाईनेंशियल ट्राजेंक्शन संबंधी रिटर्न दाखिल किए जाने से संबंधित दस्तावेजों की जांच की है। अधिकारियों को बैंक के द्वारा कई साल से एसएफटी रिटर्न दाखिल नही किए जाने की जानकारी जांच में मिली है। इस मामले में इंटेलीजेंस एंड क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन की टीम सघन जांच नियमानुसार कार्रवाई करेगी। टीम ने बैंक से दस्तावेजों की मांग की है और दिन भर चली जांच के बाद प्रबंधन के बयान दर्ज किए हैं।
जिला सहकारी बैंक सहित 26 शाखाओं की हो रही जांच
आयकर विभाग की इन्वेटिगेशन टीम जिला सहकारी बैंक व उसके अंर्तगत आने वाली 26 शाखाओं की जांच कर रही है। आयकर वि
भाग को सूचना मिली है कि बैंक के कई खातों में भारी मात्रा में नकद जमा व निकासी की गई है। लेकिन इसकी जानकारी अब तक आयकर विभाग तक नही पहुंची है। सूत्रों की मानें तो बैंक ने 2016 से एसएफटी रिटर्न दाखिल नही किया है, जिससे आयकर विभाग को बैंक में किए गए भारी मात्रा में नकद ट्राजेंक्शन की जानकारी मिल पाती।
क्या है एसएफटी रिटर्न, क्यों दाखिल करना है जरूरी
आरबीआई के नियमानुसार सभी बैंकों और ऐसे प्रतिष्ठान जहां पर नकद लेन-देन ज्यादा मात्रा में किया जाता है। इन सभी को एसएफटी रिटर्न दाखिल करना जरूरी है। एसएफटी का मतलब है स्टेटमेंट ऑफ फाईनेंसियल ट्रांजेक्शन। आयकर अधिनियम की धारा 285 बी ए के तहत एसएफटी रिटर्न का प्रावधान किया गया है। इसमें सेविंग खातों में 10 लाख रुपए, करंट खातों में 50 लाख रुपए के अलावा भारी मात्रा में किये जाने वाले ट्रांजेक्शन की जानकारी एसएफटी रिटर्न के माध्यम से आयकर विभाग तक पहुंचाया जाना अनिवार्य है, ताकि आयकर विभाग इसकी जांच कर सके।
आयकर विभाग जबलपुर के ये अधिकारी रहे शामिल
आयकर विभाग की आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण विंग जबलपुर के आयकर अधिकारी रमाशंकर प्रसाद के नेतृत्व में आयकर निरीक्षक विक्रम रावत, शशांक शर्मा, मनोज सिंह और देवेंद्र जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में जांच के दौरान शामिल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अधिकारियों को सहकारी बैंक में कई अनियमितताएं मिली हैं, जिसका खुलासा नही किया गया है।

Created On :   25 Feb 2020 8:38 AM GMT

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