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मेडिकल की एमआरआई मशीन खराब, मेयो पर बढ़ा लोड
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की नसीहत देने वाला स्वास्थ्य विभाग अपने ही महकमे में इसका कितना पालन करता है, इसका नमूना मेयो अस्पताल की ओपीडी में देखा जा सकता है। शुगर व सोनोग्राफी से लेकर कई तरह के टेस्ट का शुल्क भरने के लिए केवल एक काउंटर है, जहां महिला-पुरुषों की लंबी कतार लगी रहती है। तय समय में शुल्क जमा नहीं करने पर दूसरे दिन आना पड़ता है। यहां एक कर्मचारी उपलब्ध है, जो तय समय में सभी से शुल्क लेकर रसीद देने में कई बार कठिनाई होती है। आेपीडी का वैसे तो समय सुबह 8 से दोपहर 12.30 बजे तक है, लेकिन काउंटर 9 बजे शुरू होता है। कतार लंबी होने से यहां काफी भीड़ हो जाती है। कोरोनाकाल में सोशल डिस्टेंसिंग की यहां धज्जियां उड़ रही हैं। सभी लोग हाथ भी सैनिटाइज नहीं करते।
कम्प्यूटर में करनी होती है एंट्री
काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी टेस्ट का तय शुल्क लेकर संबंधित व्यक्ति के नाम से रसीद काटता है। संबंधित व्यक्ति के नाम की एंट्री कम्प्यूटर में दर्ज की जाती है। तय शुल्क लेकर रसीद व शेष रकम संबंधित व्यक्ति को वापस दी जाती है। इस काम में कम से कम 4 मिनट लग जाते हैं। महज 4 घंटे में सैकड़ों रसीदें काटने में समय कम पड़ जाता है।
स्वतंत्र काउंटर नहीं
मेडिकल में एमआरआई मशीन खराब होने से मेयो अस्पताल में टेस्ट करने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है। शुगर, ब्लड, मूत्र जांच, सीबीसी, एलएफटी, केएफटी, एमआरआई, एक्स-रे, सोनोग्राफी समेत कई तरह की जांच कराने के लिए शुल्क जमा कर रसीद लेनी होती है। मेयो में कैश जमा करके रसीद लेने के लिए एक ही काउंटर है। यहां हर दिन सैकड़ों लोग शुल्क जमा करने के लिए कतार में खड़े रहते हैं। महिला-पुरुषों के लिए स्वतंत्र काउंटर नहीं है।
बीमार को और बीमार होने का खतरा
कैलाश सुगंध को पत्नी का एमआरआई कराना था। एमआरआई का शुल्क भरने के लिए कैलाश काउंटर पर खड़े हुए आैर देखते ही देखते लंबी लाइन लग गई। सोशल डिस्टेंसिंग की किसी को परवाह नहीं। काउंटर पर भीड़ थी आैर हर कोई जल्दी रसीद मिलने के लिए नजदीक-नजदीक खड़े थे। दर्जनों प्रकार के टेस्ट के लिए शुल्क जमा करने का एक ही काउंटर है। बीमार व्यक्ति आैर बीमार होने का खतरा रहता है। बुजुर्ग लोगों को काफी परेशानी होती है।
मेडिकल के डीन ने फिर स्वेच्छानिवृत्ति के लिए आवेदन दिया
मेडिकल अस्पताल के डीन डॉ. सजल मित्रा ने शनिवार को दूसरी बार स्वेच्छानिवृत्ति का आवेदन दिया है। 3-4 माह पहले भी उन्होंने स्वेच्छानिवृत्ति का आवेदन दिया था, लेकिन फिर वापस ले लिया था। फिलहाल डॉ. मित्रा स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण छुट्टी पर हैं। सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठों के बीच खींचातानी से वे असहज महसूस कर रहे हैं। दूसरी तरफ, कई वरिष्ठ अधिकारी डीन पद खाली होने की ताक में है। दिल्ली से मुंबई तक सेटिंग की भी चर्चा है। इस कारण उन्हें हटाने के लिए भी साम-दाम-दंड-भेद का इस्तेमाल किया जा रहा है।
Created On :   31 Jan 2021 5:16 PM IST