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दैनिक भास्कर हिंदी: हाईकोर्ट पहुंचा मराठा आरक्षण के लिए सामान्वय वर्ग की नौकरी खत्म किए जाने का मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा समुदाय (ईएसबीसी) के लोगों को नियुक्ति देने के लिए सामान्य वर्ग के लोगों की सेवा समाप्त किए जाने के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका सरकार के 13 कर्मचारियों ने दायर की है। दरअसल जब साल 2015 में मराठा आरक्षण लागू किया गया था तो हाईकोर्ट ने इसके अमल पर रोक लगा दी थी इसलिए मराठा समुदाय के लिए आरक्षित पदों पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की नियुक्ति कर दी गई थी। अब सरकार इन पदों पर आर्थिक व सामाजिक रुप से कमजोर वर्ग यानी मराठा समुदाय के लोगों की नियुक्ति करना चाहती है। याचिका में दावा किया गया है कि सरकार मराठा समुदाय को दिए गए आरक्षण को पूर्ववर्ती प्रभाव से लागू नहीं कर सकती। यह नियमों के खिलाफ है। याचिका में पिछले दिनों इसी तरह के मामले में कोर्ट की ओर से जारी किए गए अंतरिम आदेश की प्रति भी जोड़ी गई है। सोमवार को न्यायमूर्ति आरवी मोरे की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया गया। इसके बाद खंडपीठ ने याचिका पर 7 नवंबर को सुनवाई रखी है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अब मराठा समुदाय को शिक्षा व नौकरी में सरकार की ओर से दिए गए आरक्षण को वैध ठहरा दिया है।
13 से कम सीट वाले वाहन को कैसे मान सकते हैं स्कूल बस
13 से कम सीट वाले वाहनों व स्कूल वैन को स्कूल बस की परिभाषा में कैसे बैठाया जा सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को यह सवाल किया। हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के नियमानुसार सिर्फ 13 सीट वाले वाहनों को ही स्कूल बस की परिभाषा में शामिल किया जा सकता है फिर राज्य सरकार ने कैसे केंद्र सरकार के विपरीत नियम बनाए? आखिर स्कूल बस के संदर्भ में दो तरह के नियम क्यो बनाए गए हैं। इस मामले को लेकर पीटीए यूनाइटेड फोरम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान खंडपीठ को बताया गया कि राज्य सरकार ने 12 सीट तक के वाहनों को भी स्कूल वाहन के रुप में परमिट दे रही है। यह विद्यार्थियों की सुरक्षा की लिहाज से ठीक नहीं है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने उपरोक्त सवाल किया और मामले की अगली सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता को पैरवी के लिए बुलाया।
सड़क दुर्घटना में ड्राईवर के बरी होने से खत्म नहीं होता मुआवजा
उधर सड़क दुर्घटना के आपराधिक मामले से ड्राइवर के बरी हो जाने के आधार पर दुर्घटना में जान गंवाने वाले परिजन को मुआवजे से वंचित नहीं किया जा सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका के उपक्रम बेस्ट के महाप्रबंधक की ओर से दायर की गई अपील को समाप्त करते हुए यह फैसला सुनाया है। बेस्ट ने हाईकोर्ट में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमे ट्रिब्यूनल ने उसे बेस्ट की बस से सड़क दुर्घटना का शिकार हुए युवक के परिजनों को 11 लाख 88 हजार रुपए देने का निर्देश दिया था। अपील में बेस्ट ने मुआवजे की रकम को काफी ज्यादा बताया था। इसके साथ ही दावा किया था कि जब सड़क दुर्घटना घटी थी तो पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में पुलिस ने प्रकरण में बेस्ट बस के ड्राइवर को गिरफ्तार किया था लेकिन कोर्ट ने इस मामले में ड्राइवर को लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप से बरी कर दिया है। इसके साथ ही मृतक की आय को लेकर भी कोई ठोस प्रमाण नहीं पेश किया गया है। इस लिहाज से मुआवजे के संबंध में दिया गया आदेश खामीपूर्ण है।मामले से जुड़े पक्षों को सुनने व तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई ने पाया कि 16 अप्रैल 2006 को 21 वर्षीय ब्रम्हानंद शुक्ला को चेंबुर के माहुल रोड इलाके में बेस्ट की बस ने ठोकर मार दी। इस दौरान शुक्ला को काफी चोट लगी जिसके चलते उनकी मौत हो गई। शुक्ला इंश्युरेंस एजेंट का काम करते थे। उस समय उनका वेतन दस हजार रुपए था। इसके साथ ही शुक्ला के माता-पिता उस पर आश्रित थे। न्यायमूर्ति ने कहा कि इसमे कोई दो राय नहीं है कि बेस्ट की बस से हुई दुर्घटना से शुक्ला की मौत हुई है। बस का ड्राइवर इस मामले में कोर्ट से बरी हो गया है सिर्फ इस आधार पर मृतक युवक के परिजनों को मुआवजे से वंचित नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले से जुड़े गवाहों को कोर्ट में हाजिर नहीं कर पाया इस आधार पर ड्राइवर को बरी किया गया है। न्यायमूर्ति ने आय से जुड़ी आपत्ति पर गौर करने के बाद कहा कि बेस्ट शुक्ला के माता पिता को मुआवजे के रुप में 10 लाख 93 हजार रुपए साढे सात प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करे।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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