- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- ठाकरे सरकार ने बढ़ाई पुलिस...
ठाकरे सरकार ने बढ़ाई पुलिस अधिकारियों के तबादले की अवधि

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले अब 5 सितंबर तक किए जा सकेंगे। सरकार ने राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले की अवधि बढ़ा दी है। शुक्रवार को गृह विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। शासनादेश के अनुसार पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले की आखिरी तिथि 15 अगस्त थी। जिसे बढ़ाकर अब 5 सितंबर कर दिया गया है। समझा जा रहा है कि गणेशोत्सव के बाद पुलिसकर्मियों के तबादले होंगे। गणेशोत्सव में कानून व्यवस्था बनाए रखने की अहम जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों पर होती है। राज्य के सभी विभागों में बड़े पैमाने पर तबादले हुए हैं लेकिन गणेशोत्सव के कारण पुलिस विभाग में अभी तबादले नहीं हैं। इससे पहले गुरुवार को प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने आरोप लगाया था कि महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्री तबादले के नाम पर मोटी कमाई कर रहे हैं। पाटील ने सीआईडी से जांच कराने की मांग की थी। इससे पहले राज्य में कोरोना संकट के चलते सरकार ने 15 अगस्त तक 15 प्रतिशत कर्मचारियों के तबादले की अनुमति दी थी।
लॉबिंग को लेकर डीजीपी ने चेताया
इसके पहले सोशल मीडिया वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की नई पोस्टिंग को लेकर एक पोस्ट वायरल होने के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक सुबोध जैसवाल ने पुलिस अधिकारियों को चेताया कि फिलहाल ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर लॉबिंग न करें, क्योंकि तबादले गणेशोत्सव के बाद ही होंगे। गुरुवार को हुई एक बैठक में जैसवाल ने अधिकारियों को इस तरह की चेतावनी दी थी। सूत्रों के अनुसार डीजीपी जैसवाल ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर मांग की है कि सितंबर के अंत तक तबादले न किए जाएं। इसी बीच अधिकारी मलाईदार जगहों पर पोस्टिंग के लिए महा विकास आघाडी सरकार के मंत्रियों के पास जुगाड लगाने में जुट गए हैं।
तबादले को लेकर खींचतान जारी
राज्य की महा आघाडी सरकार में शामिल तीनों दलों में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। गृह विभाग राकांपा के पास है, पर महत्वपूर्ण जगहों पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी पसंद के अफसरों को बैठना चाहते हैं। इसके पहले मुंबई पुलिस के डीसीपी तबादलों के लेकर सरकार का मतभेद सामने आ चुके हैं।
पुलिस महानिदेशक सुबोध जयसवाल के तेवर से सरकार में बेचैनी
देखा जाए तो राज्य के आईपीएस व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तबादलों में देरी का विवाद बढ़ता जा रहा है। जानकारों का दावा है कि महाविकास आघाड़ी के दिग्गज मंत्री व नेता अपने तरीके से तबादले चाहते हैं, जबकि पुलिस महानिदेशक सुबोध जयसवाल तबादलों में मनमानी का सख़्त विरोध कर रहे हैं। वैसे हर साल वरिष्ठ व आईपीएस अधिकारियों के तबादले मई-जून में ही कर दिए जाते हैं। इसकी जिम्मेदारी पुलिस आस्थापना बोर्ड की होती है। इसमें जयसवाल के अलावा मुंबई के कमिश्नर परमवीर सिंह और वरिष्ठ आईपीएस विपिन कुमार सिंह हैं। परेशानी ये है कि इस बोर्ड में सबसे वरिष्ठ अधिकारी संजय पांडे को सदस्य नहीं बनाया गया। इसलिए तबादलों की सूची पर दस्तखत जयसवाल को ही करना पड़ेगा।
सूत्रों के मुताबिक़ जयसवाल चाहते हैं कि कामकाज और वरिष्ठता के हिसाब से तबादले किए जाएं, लेकिन सत्तारूढ़ नेता अपनी मर्ज़ी से तबादले करना चाहते हैं। पुलिस अधिकारियों में आजकल यही मुद्दा चर्चा में है। जयसवाल के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मधुर संबंध रहे हैं। उन्हें फिर से दिल्ली जाना है, इसलिए वे नहीं चाहते कि तबादलों के विवाद में उनकी इमेज खराब हो। सूत्रों के अनुसार जयसवाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी विनती की है कि उन्हें भले ही छुट्टी पर भेज दिया जाए। पर मनमाने तरीके से बनाई गई तबादलों की सूची पर दस्तखत नहीं करेंगे। वैसे आईपीएसअधिकारियों के तबादलों की अंतिम तिथि तीन बार बढ़ाई गई है।
Created On :   14 Aug 2020 7:42 PM IST